बबेले जो काम कभी पत्रकारिता का चोला ओढ़ कर करते थे, वह अब खुलकर करने लगे हैं। कश्मीरी हिंदुओं को लेकर ट्विटर पर उन्होंने जो दस्त की है, वह इसका ही एक नमूना है।
यूक्रेन से लौटी भारतीय छात्रा ने कुछ दिन पहले आरोप लगाए थे कि उन्हें भारत सरकार की कोई सहायता नहीं मिली, जिसके आधार पर वामपंथियों ने अपना प्रोपेगेंडा चलाया।
"कश्मीर के एक रॉ अधिकारी की बेटी, एक लिबरल अमेरिकी विश्वविद्यालय में जेहादियों को खुश करके पश्चिमी सिपाही बनने की कोशिश करती है। फिर भी जेहादी शिक्षाविदों द्वारा उन्हें ख़ारिज कर दिया जाता है।"