वीडियो वायरल होने के बाद पत्रकारिता के समुदाय विशेष और लिबरल गैंग ने इसे हेट क्राइम के तौर पर खूब भुनाया। लेकिन हकीकत सबसे सामने है। जाँच के बाद पुलिस ने इस मामले में आप्सी मियाँ नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है। आप्सी ने ही असगर अली को जय श्री राम बोलने के लिए मजबूर किया था और वीडियो बनाया था।
फैक्ट-चेक के बाद यह पता चला कि इस वीडियो में लोग किसी भोजपुरी गाने पर नहीं झूम रहे हैं बल्कि ओरिजिनल साउंड हटा कर भोजपुरी गाने को इसमें अलग से एडिट कर के डाला गया है। और हाँ, यह वीडियो लन्दन का है भी नहीं।
"सूरत अग्निकांड में मृत छात्रा पंचानी के पिता द्वारा न सिर्फ 4 लाख रुपए की मुआवजा राशि लेने से इनकार बल्कि अपनी तरफ से 4 लाख रुपए अग्निशमन विभाग को देने की पेशकश।" - यह वो झूठ है जिसे एशियन एज और डेक्कन क्रॉनिकल जैसे मीडिया हाउस ने बढ़ाया।
सोशल मीडिया पर आम लोगों द्वारा बरनौल के चित्र भेजे जा रहे हैं। इन चित्रों में बरनौल को ट्रक में भर कर भेजा जा रहा है, तो किसी चित्र में विमान से बरनौल बरसाए जा रहे हैं। आए इस गैलरी में उनमें से चुनिन्दा चित्रों को देखते हैं।
अमेठी के रेलवे स्टेशन परिसर में राहुल गाँधी के विरोधस्वरूप एक पोस्टर लगाया गया है। इस पोस्टर में वह आतंकी मसूद अज़हर के साथ दिख रहे हैं। पोस्टर में राहुल गाँधी को जैश सरगना का पाँव छूते हुए दिखाया गया है।
बॉर्डर में जहाँ कई उपकरणों की मदद से और दृश्यों के चुनाव के साथ इस गाने में जान डाली गई थी, वहीं इसमें एक रियल लाइफ सैनिक इस गाने को अपनी भावनाओं में लपेटकर गाते जा रहा है, वो भी पूरे सुर-लय-ताल के साथ