उत्तर प्रदेश के शामली ज़िले की कैराना विधानसभा से समाजवादी पार्टी विधायक नाहिद हसन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कोर्ट से कुर्की का नोटिस पारित होने के बाद तीन अलग-अलग मामलों में फ़रार चल रहे नाहिद हसन को शामली की विशेष अदालत ने भगोड़ा घोषित कर दिया है।
राहत ने बुधवार रात में राहिल को लस्सी में नशे की गोली मिलाकर पिला दी और फिर राहिल के हाथ पैर बाँधकर सुबह तीन बजे धारदार हथियार से बहन राहिल का गला रेत डाला।
सपा नेता फिरोज खान का ये वीडियो सोशल मीडिया पर जैसे ही वायरल हुआ, लोगों ने उनकी भावनाओं की कद्र न करते हुए उनका मजाक उड़ाना शुरू कर दिया। लोग उनके इस दुख को बेहद खराब एक्टिंग बताते हुए इसे नौटंकी तक कह डाला।
राष्ट्रीय जाँच एजंसी (NIA) के ख़िलाफ़ ग़लत सूचना और भय फैलाते हुए, उन्होंने कहा कि संसद में पारित नए बिल ने NIA को ऐसी शक्तियाँ दी हैं कि अब यह किसी को भी आतंकवादी कह सकते हैं और संदेह के आधार पर उसे जेल में डाल सकते हैं।
भाजपा ने भारत भूषण गुप्ता को रामपुर से अपना उम्मीदवार बनाया है। उनका सामना 3 प्रमुख दलों के मुस्लिम उम्मीदवारों से होगा। कॉन्ग्रेस ने अरशद अली ख़ान गुड्डू और बसपा ने जुबैर मसूद ख़ान को टिकट दिया है। जबकि सपा की ओर से आजम खान की बीवी...
समाजवादी पार्टी विधायक नाहिद हसन पर धोखाधड़ी, जानलेवा हमला करने, सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और अभद्रता करने समेत कई मामले दर्ज हैं। विधायक के मोहल्ले को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। डीएम और एसपी ने शहर में पैदल मार्च किया। दिल्ली और लखनऊ भी पुलिस टीमें भेजी गई हैं।
लोकसभा चुनाव में मिली हार के और बसपा अध्यक्ष के गठबंधन तोड़ने के बाद से अखिलेश यादव के सामने अपनी पार्टी को बचाए रखने की बड़ी चुनौती है। हाल ही में कई राज्यसभा सदस्य सपा छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए हैं।
लोहिया ट्रस्ट के मुलायम सिंह यादव अध्यक्ष और शिवपाल सिंह यादव सचिव हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और कई शीर्ष नेता ट्रस्ट के सदस्य हैं। यह बिल्डिंग शिवपाल यादव की पार्टी के कब्जे में थी और पिछले कुछ महीने से इसका बाजार दर पर किराया वसूला जा रहा था।
फिरोज खान ने शेरवानी पहनी, चेहरा फूलों के सेहरे से ढका और दूल्हे का रूप बनाकर गाड़ी में बैठ गए। उनके साथ गाड़ियों में बराती बन कर अन्य कार्यकर्ता भी बैठ गए और पुलिस को धोखा देकर रामपुर पहुँच गए।
सपा विधायक ने अधिकारी का मखौल बनाते हुए कहा, "डर गया! बोलो? डरपोक।" इस घटना के बाद रात को भी विधायक के आवास के बाहर भारी संख्या में समर्थक जमा हो गए और उन्होंने प्रशासन के ख़िलाफ़ नारेबाजी की।