शाहिद 4-5 महीने से घर पर रुपए-पैसे नहीं भेज रहा था। बड़ी मुश्किल से रुखसार अपना और अपने बच्चों का पेट पाल रही थी। जब 8 महीने के अहद को तेज बुखार आया तो डॉक्टर ने बिना पैसे दवा देने से कर दिया इनकार। अफसोस! रात भर बच्चे के बुखार और भूख से रोने की तड़प को रुखसार ने उसे सदा के लिए सुला कर शांत कर दी।
लड़की के परिजनों ने 6 जुलाई को उसके प्रेमी की भी हत्या कर दी है। इसके बाद उन्होंने अपनी बेटी को मारने की साजिश रची। अपने प्रेमी की हत्या का पता चलते ही लड़की अपने घर वालों के ख़िलाफ़ हो गई थी। इसलिए वे उसे बाइक पर बैठाकर दूर ले गए, गले में गोली मारी और...
हरेन पांड्या गुजरात में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में गृहमंत्री थे। उनकी अहमदाबाद में सुबह की सैर के दौरान लॉ गार्डन के समीप 26 मार्च 2003 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
राज्य में भाजपा की सरकार। केंद्र में भाजपा की सरकार। लेकिन मार दिए गए एक भाजपा विधायक को न्याय नहीं मिल पाया। 2005 में हुई हत्या के मामले में आज तक कोई अपराधी नहीं! किस पर दोष लगाया जाए? क्या सरकारें अपना काम करने में विफल रहीं? क्या न्यायपालिका को सच नहीं दिख पाया? या फिर मुख़्तार अंसारी और उसके परिवार का रसूख सब पर भारी पर गया?
गर्मी के चलते मुदस्सिर की दो बेटियाँ बाहर सो रही थीं। लड़कियों को सोता देख महताब और आफ़ताब ने उन पर फब्तियाँ कसनी शुरू कर दीं। विरोध करने पर मारपीट शुरू कर दी। चीख-पुकार सुनकर लड़कियों की माँ बिलिकिस बेगम बीच-बचाव करने आईं लेकिन उन्हें लाठियों से मार-ंमार कर...
"मेरी दोनों पत्नियाँ इस्मत परवीन और जबना आपस में लड़ने के साथ-साथ मुझसे भी लड़ती थीं। इस कारण मैं काफ़ी परेशान रहने लगा था। इसी वजह से मैंने पहले अपनी पहली बीवी इस्मत का गला घोंटा और बाद में जबना को मार डाला।
शेख को निजी अंगों, आँखों और कानों में गंभीर चोटें आई हुईं थी। उसे मालदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के एसएसकेएम अस्पताल में भेजा गया था, जहाँ उसकी मौत हो गई।
अजीम का प्रेम-प्रसंग जुनैद की बहन से चल रहा था। लेकिन, जुनैद को यह रिश्ता बिल्कुल पसंद नहीं था, और इसलिए उसने अपनी बहन का रिश्ता कहीं और तय कर दिया। वहीं, अजीम को यह बात इतनी नागवार लगी कि उसने सगाई से पहले ही...
मोहम्मद साज़िद, आज़म अंसारी और रमज़ान अंसारी गांजा पी रहे थे। कहाँ - मंगरू पाहन के घर के बाहर। मंगरू ने विनम्रतापूर्वक इन तीनों से उसके घर के बाहर गांजा न पीने का अनुरोध किया। लेकिन, तीनों में से एक को मंगरू की बात इतनी नागवार गुज़री कि उसने ग़ुस्से में मंगरू के पेट में छुरा घोंप दिया और वहाँ से भाग गया।
NIA ने कहा था कि साज़िशकर्ताओं का मकसद केवल रामलिंगम की निर्मम हत्या तक ही सीमित नहीं था, बल्कि साम्प्रदायिक तनाव पैदा करना भी था। NIA ने यहाँ तक कहा था कि रामलिंगम की हत्या एक आतंकी गतिविधि थी, क्योंकि उन्हें मुस्लिम उपदेशकों द्वारा धर्म-परिवर्तन का विरोध करने के लिए मारा गया था।