अप्रैल, 2020 को किए गए एक ट्वीट में 'कॉमरेड' अरुण नाम्बियार ने लिखा है- "तो ट्रम्प के अपनी पैंट की चेन खोलते ही भारत माता अपने घुटनों पर झुक गई?" यह ट्वीट अरुण नाम्बियार ने डोनाल्ड ट्रम्प के भारत से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की माँग करने के बाद किया है।
इस बार निशाने पर "भारत" शब्द है। इसके पीछे जो कारण दिया गया है वह है 'भारत ' का एक संस्कृत शब्द होना और 'इंडिया' के लिए भारतीय भाषाओं में 'भारत' का उपयोग किया जाना।
वासु यादव नाम के शख्स ने फेसबुक अकाउंट में अपनी लोकेशन कराची, पाकिस्तान बताई है। उसने इस अकाउंट पर हिंदुओं की आस्था पर चोट करते हुए काली, दुर्गा और भगवान शिव की तस्वीरों को अश्लीलता से पेश किया है।
विजयवर्गीय ने माकपा के भट्टाचार्य के बहाने कॉन्ग्रेस पर हमला करते हुए उसे ऐसे व्यक्ति को राज्यसभा पहुँचाने का दोषी कहा जिसने बीफ पार्टी का आयोजन कर हिन्दुओं की भावनाओं को आहत करने का काम किया था।
दी प्रिंट के साथ ही कुछ अन्य मीडिया गिरोहों ने भी कोरोना वायरस पर चक्रपाणि महाराज को हिन्दू महासभा का अध्यक्ष बताते हुए खबर प्रकाशित की है कि वो कोरोना से लड़ने के लिए गोमूत्र पार्टी करने जा रहे हैं, जिससे कि कोरोना वायरस से उपचार मिल सकेगा।
दिल्ली में हुए हिन्दू विरोधी दंगों की सच्चाई को सामने लाने का जो प्रयास ऑपइंडिया ने अपनी ग्राउंड रिपोर्टिंग के जरिए किया, उसे एक ओर जहाँ बड़े वर्ग का स्नेह और सहानुभूति मिली, वहीं दूसरी ओर एक वर्ग ऐसा भी था जिसे दंगों के इस पहलू के सामने आने से परेशानी भी हुई।
इरेना का कहना है कि इसी जलन और हीनता की भावना का शिकार होकर हिन्दू मर्द मुस्लिमों के व्यापार और घरों को नुकसान पहुँचाते हैं, जला डालते हैं- ताकि मुस्लिम महिलाओं को बेइज्जत कर सकें। उन्होंने ये नहीं बताया कि महिलाओं को बुर्के में कैद रखना किस समाज की संस्कृति का हिस्सा है?
दंगाई भीड़ ने बिजेंद्र के घर की छत को ही हमले के लिए बेस बना लिया और वहाँ कब्ज़ा कर लिया। छत पर क़रीब 90 आदमी थे। पत्थर ढो-ढो कर लाए जा रहे थे। मंदिर पर पूरे 6 घंटे तक हमले किए गए लेकिन वामपंथी मीडिया (ख़ासकर न्यूज़लॉन्ड्री) ने "मंदिर पर हमला हुआ ही नहीं" का नैरेटिव गढ़ा।
आसमानी गुलेलों और पेट्रोल बम की पड़ताल करना न्यूज़लॉन्ड्री जैसों के लिए अपने अन्नदाताओं को निराश करने वाली बात होगी। इसलिए अपने अन्नदाताओं के खिलाफ जाकर पतझड़ कुमार को कोई कदम नहीं उठाना चाहिए, ऐसा न हो कि उनके खिलाफ जाते ही भारत में बेरोजगारी के आँकड़ों में पतझड़ कुमार भी योगदान करते हुए नजर आएँ।