Tuesday, November 19, 2024

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हिन्दूफोबिया

शाहीन बाग वालों ने पोस्टर से मंशा बता दी: हिन्दू स्त्रियों पर है इनका ध्यान, पहले कन्वर्जन फिर…

पहले काली माँ के हिजाब से टेस्टिंग हुई। फिर देखा कि किसी हिन्दू को फर्क नहीं पड़ा, तो उन्होंने अब आम हिन्दू स्त्री को हिजाब में दिखाया, बिन्दी के साथ। संदेश साफ है कि हिन्दुओं के प्रतीकों को तोड़ा जाएगा, उनकी स्त्रियों को कन्वर्ट किया जाएगा, और फिर उन्हें इसी काले बोरे में निकलना होगा।

CAA विरोध में हिन्दूघृणा वाले 30 पोस्टर: अजीत भारती की राय | Ajeet Bharti on Hinduphobic Posters in CAA Protest

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में हिन्दूघृणा के कई पोस्टर और नारे लगाए गए। इसमें...

एक्स-NDTV वाली को अब शंख से है समस्या! लगता है कुएँ में हिन्दूघृणा वाली भाँग मिला दी गई है

एक्स NDTV पत्रकार और वर्तमान में हिन्दुस्तान टाइम्स में कार्यरत हिन्दूफोबिया से ग्रसित सुनेत्रा चौधरी अपने जहर को छोड़ने से खुद को नहीं रोक पाईं और सस्ती लोकप्रियता के लिए इस प्रतिमा को कारपेट से भी गंदा बता दिया।

CAA-NRC: कुछ कट्टरपंथियों के भीतर का हिन्दू घृणा वाला ज़हर इनकी सेकुलर केंचुली से बाहर रिस रहा है

केंचुली उतार कर ये पूरा विरोध अब 'हम बनाम वो' का हो गया है। इस पूरे विरोध का लहजा 'मुस्लिम बनाम काफिर' का हो चुका है। वो खुल कर कह रहे हैं कि 'गलियों में निकलने का वक्त आ गया है', वो चिल्ला कर जामिया की गलियों में कह रहे हैं कि उन्हें 'हिन्दुओं से आज़ादी' चाहिए।

पाकिस्तानी हिन्दू शरणार्थियों को Uber ड्राइवर नसीम ने गाड़ी से निकाला… क्योंकि वे कर रहे थे CAA का समर्थन

पाकिस्तानी हिन्दुओं ने बताया कि उबर के ड्राइवर नसीम ने उन्हें नीचे उतरने को कहा। जैसे ही वो नीचे उतरे, वो गाड़ी लेकर फरार हो गया। तेजिंदर बग्गा ने उबर ड्राइवर नसीम द्वारा पाकिस्तानी हिन्दू शरणार्थियों को गाड़ी से निकाल बाहर किए जाने की निंदा की।

हिन्दुओं के इस पदचाप को देख कर कइयों को डर लग रहा है… ये डर अच्छा है

अगर इस भीड़ को देख कर तुम्हें डर लग रहा है, तो फिर डरो क्योंकि ये डर पूरे भारतीय समाज की शांति के लिए अच्छा है। अगर ये डर तुम्हारे भीतर रहेगा कि तुम्हारी आगजनी, पत्थरबाजी, गोली चलाने की प्रवृत्ति के टक्कर में एक ऐसी टोली है जो हर जिले में तैनात है, तो तुम सड़कों पर आ कर आग लगाने से पहले सोचोगे।

प्रिय असुरनियों, तुम चाहे जितना चिंघाड़ो, सबरीमाला देवता का मुद्दा ही रहेगा, न कि पीरियड्स और पब्लिक प्लेस का

सागरिका को मंदिर और सार्वजनिक फुटपाथ में अंतर नहीं पता, इसलिए उन्हें तो मूर्ख माना जा सकता है। लेकिन बरखा दत्त मंदिर का नाम स्पष्ट तौर पर लेतीं हैं और इसके बाद भी कहती हैं कि उन्हें सबरीमाला में जबरन प्रवेश चाहिए। यह मूर्खता नहीं, दुर्भावना वाली आसुरिक वृत्ति है।

हिन्दूफ़ोबिया के वीर: शोएब दानियाल के लिए साधु आतंकी, जयराम रमेश के लिए निहत्थों पर गोलीबारी बड़ी बहादुरी

यह सोचे जाने की ज़रूरत है कि सौ करोड़ से ज्यादा की आबादी के धर्म को गाली देने की हिम्मत कहाँ से आती है? ऐसी आस्था जिसने न मज़हबी हिंसा की, न जबरिया मतांतरण, उससे शोएब दानियाल जैसों की दुश्मनी क्या है?

आतंकियों की भाषा बोल रहा है TIME में लिखने वाला आतिश, हिन्दुओं के लिए खुल कर उगल रहा है ज़हर

"जब तुम अपने लोकतंत्र को अजायबघर (म्यूजियम) में तब्दील कर फुरसत पा लो तो दुनिया के और भी पुराने पार्लियामेंट हाउस को, जैसे वेस्टमिंस्टर को गौमूत्र का अध्य्यन करने वाला संस्थान बनाने या फिर यूएस कैपिटोल को वैदिक काल में उड्डयन संबंधी संग्रहालय बनाने में अपनी सेवा देने के लिए तैयार रहो।"

कमलेश तिवारी की हत्या, हिन्दुओं में डर: अजीत भारती के विचार | Ajeet Bharti on Kamlesh Tiwari Murder and Fear among Hindus

क्या मैं मान लूँ कि हिन्दू ही इस देश के असली आतंकी हैं और कट्टरपंथी सताए जा रहे हैं? क्या मैं ये मान लूँ कि जय श्री राम आतंकवादियों का नारा है?

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