दारुल उलूम में एंट्री के लिए अब महिलाओं को अपने शौहर या किसी अभिभावक के साथ आना होगा। उन्हें संस्थान घूमने की सिर्फ 2 घंटे आजादी मिलेगी और शाम से पहले उन्हें बाहर निकलना होगा।
हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत पर वामपंथी मीडिया को उतना ही दुख है जितना उन्हें कभी बगदादी और लादेन की मौत पर हुआ था और उन्होंने उनके लिए संवेदना बटोरने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।