Thursday, October 10, 2024
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‘अंबानी का ‘एंटीलिया’ वक्फ का, PM मोदी का आदमी मुझसे मिलने आया’: जाकिर नाइक ने पाकिस्तानी यूट्यूबर के पॉडकॉस्ट में जमकर बोला झूठ, समझे कैसे सारे दावे मनगढ़ंत

जाकिर नाइक ने केवल दो सही बातें कहीं: भारत मुस्लिमों के लिए सबसे अच्छा देश है और वक्फ बोर्ड देश की एक बड़ी संपत्ति है। जाकिर नाइक के अधिकतर दावे झूठे और भ्रामक हैं, जो समाज में धार्मिक विभाजन पैदा करने के उद्देश्य से किए गए हैं।

जाकिर नाइक, जो एक समय मजहबी उपदेशक के रूप में जाना जाता था, अब भारत में भगौड़ा घोषित हो चुका है और मलेशिया में शरण लेकर भारत के खिलाफ विवादास्पद बयानबाजी कर रहा है। इस लेख में हम पाकिस्तानी यूट्यूबर के साथ जाकिर नाइक के हालिया पॉडकास्ट में किए गए दावों का विश्लेषण करेंगे, जहाँ उसने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भेजे गए व्यक्ति से मुलाकात का दावा किया, वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर टिप्पणी की, और भारत में मुस्लिमों की स्थिति पर अपनी राय दी। हालाँकि, जाकिर नाइक के अधिकतर दावे तथ्यहीन और झूठे साबित होते हैं। आइए, इस लेख में उसके बयानों की सच्चाई पर विस्तार से चर्चा करते हैं।

मोदी से मुलाकात का दावा: सच्चाई या झूठ?

जाकिर नाइक ने पॉडकास्ट में सबसे बड़ा और सबसे विवादास्पद दावा यह किया कि 2019 में, अनुच्छेद 370 हटाने से पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक प्रतिनिधि को मलेशिया भेजा था। इस प्रतिनिधि ने जाकिर नाइक से मुलाकात की और भारत आने का निमंत्रण दिया। नाइक के अनुसार, यह मुलाकात इसलिए हुई थी क्योंकि भारत सरकार और जाकिर नाइक के बीच रिश्ते सुधारने की बात हो रही थी।

लेकिन यहाँ सवाल उठता है कि अगर जाकिर नाइक का दावा सच होता, तो भारत सरकार उसे भगौड़ा घोषित क्यों करती? जाकिर नाइक के खिलाफ भारत में आतंकी संगठनों से संबंध रखने, युवाओं को कट्टरपंथ की तरफ धकेलने और नफरत फैलाने के गंभीर आरोप हैं। उसकी गतिविधियों को देखते हुए भारत सरकार ने उसे कानूनन अपराधी माना है। इस संदर्भ में पीएम मोदी द्वारा भेजे गए व्यक्ति से मुलाकात का दावा पूरी तरह झूठ प्रतीत होता है।

नाइक ने यह भी दावा किया कि पीएम मोदी के प्रतिनिधि ने उसे अनुच्छेद 370 पर सरकार का समर्थन करने के लिए कहा था। उसने कहा कि वह कश्मीरियों की आजादी का समर्थन करता है और अनुच्छेद 370 को हटाना संविधान के खिलाफ है। यह बयान जाकिर नाइक की भारत विरोधी सोच को स्पष्ट करता है, जहाँ वह देश की एकता और अखंडता को चुनौती दे रहा है। अनुच्छेद 370 के हटाने के बाद कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है, और इस पर किसी प्रकार का विवाद पैदा करना राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का हिस्सा है।

वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर दावे: झूठ और सच्चाई का मिश्रण

जाकिर नाइक ने वक्फ बोर्ड और उसकी संपत्तियों पर भी लंबी चर्चा की। उसने कहा कि वक्फ बोर्ड के पास भारत में तीसरी सबसे बड़ी मिल्कियत है, जिसमें रक्षा और रेलवे के बाद सबसे ज्यादा जमीन आती है। इसमें कोई संदेह नहीं कि वक्फ बोर्ड के पास बड़ी मात्रा में जमीन है, जो मुस्लिम समाज के लिए उपयोगी है। लेकिन नाइक ने इसके पीछे छिपे तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया।

उसने दावा किया कि सरकार वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर कब्जा करना चाहती है और इसके लिए वक्फ कानून में बदलाव की कोशिश कर रही है। यह दावा पूरी तरह से मनगढ़ंत है। भारतीय संविधान हर धर्म के अधिकारों की रक्षा करता है और सरकार द्वारा वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जा करने की कोई योजना नहीं है। जाकिर नाइक ने केवल अपने झूठे एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए मुस्लिम समाज में भ्रम फैलाने की कोशिश की है।

जाकिर नाइक ने कहा, “कुछ मुस्लिमों ने वक्फ के फायदे उठाए, उसे बहाना बनाकर मोदी सरकार वक्फ कानून में बदलाव करना चाहती है, ताकि वो इसे हड़प सके। आपको शायद पता नहीं होगा, दुनिया का सबसे महंगा घर मुकेश अंबानी का मुंबई में है। दुनिया में सबसे महंगा घर, जो 27 मंजिला घर है। छत पर हेलीपैड है। उसकी प्रॉपर्टी वक्फ बोर्ड की है। किसी मुसलमान ने ही गड़बड़ की होगी, जो जमीन उसके पास है। उस पर केस हुआ था। केस होने की वजह से वो अपने घर में घुस भी नहीं सकता था, लेकिन कानून की वजह से कुछ नहीं कर सकते।”

नाइक ने साफ दावा किया कि मुकेश अंबानी का 27 मंजिला घर, जो दुनिया का सबसे महंगा घर माना जाता है, वक्फ की जमीन पर बना है। यह दावा भी पूरी तरह से झूठा और सनसनीखेज है। जाकिर नाइक ने बिना किसी प्रमाण के इस तरह के बयान देकर केवल विवाद खड़ा करने की कोशिश की है। वक्फ की संपत्तियों का मुस्लिम समाज के लिए धार्मिक और सामाजिक महत्व है, लेकिन उसे बिना किसी आधार के अंबानी जैसे बड़े उद्योगपतियों से जोड़कर नाइक ने केवल मीडिया में सुर्खियाँ बटोरने का प्रयास किया।

भारत में मुस्लिमों की स्थिति: सच्चाई पर भ्रम का पर्दा

जाकिर नाइक ने अपने पॉडकास्ट में भारत में मुस्लिमों की स्थिति पर भी चर्चा की। उसने कहा कि भारत मुस्लिमों के लिए सबसे अच्छा देश है, जो सही है। भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जहाँ हर धर्म को समान अधिकार प्राप्त हैं। मुस्लिमों के लिए यहाँ पर्सनल लॉ बोर्ड, वक्फ बोर्ड जैसी संस्थाएँ हैं, जो उनके धार्मिक और सामाजिक अधिकारों की रक्षा करती हैं।

लेकिन जाकिर नाइक ने इस सच्चाई का इस्तेमाल भी अपने झूठ को छिपाने के लिए किया। उसने कहा कि अगर मोदी सरकार वक्फ कानून में बदलाव करती है, तो इससे मुस्लिम समाज की संपत्तियों पर खतरा मंडराएगा। यह बयान एक भय पैदा करने की रणनीति है, ताकि मुस्लिम समाज सरकार के खिलाफ खड़ा हो सके।

भारतीय संविधान ने सभी धार्मिक संस्थाओं को समान अधिकार दिए हैं और सरकार के किसी भी कदम का उद्देश्य समाज की भलाई और देश की एकता को बनाए रखना है। जाकिर नाइक ने जानबूझकर ऐसे बयान दिए ताकि वह मुस्लिम समाज को भड़काकर सरकार के खिलाफ खड़ा कर सके।

जाकिर नाइक एक मजहबी नेता या एक कट्टरपंथी?

जाकिर नाइक ने अपने पॉडकास्ट में बार-बार इस बात पर जोर दिया कि वह निर्दोष है और भारत सरकार ने उसके खिलाफ गलत आरोप लगाए हैं। उसने यह दावा किया कि वह इस्लाम के प्रचार के लिए काम कर रहा है और उसका मकसद शांति और सौहार्द को बढ़ावा देना है। लेकिन सच्चाई इससे कहीं अलग है।

जाकिर नाइक के भाषण और उपदेशों ने कई युवाओं को कट्टरपंथ की तरफ धकेला है। उसके उपदेशों से प्रभावित होकर कई युवाओं ने आतंकवादी संगठनों में शामिल होने का प्रयास किया है। नाइक के भाषणों में नफरत और विवादास्पद बातें होती हैं, जो समाज में धार्मिक तनाव को बढ़ावा देती हैं। उसने अपने बयानों से न केवल भारत, बल्कि दुनिया भर में इस्लाम और अन्य धर्मों के बीच दूरी बढ़ाने का काम किया है।

भारत में उसके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें आतंकी संगठनों से संबंध रखने और नफरत फैलाने के आरोप शामिल हैं। यह कहना कि जाकिर नाइक निर्दोष है, एक भ्रामक बयान है। उसके भाषणों और कार्यों से स्पष्ट है कि वह एक कट्टरपंथी विचारधारा फैलाने वाला व्यक्ति है, जो समाज में नफरत और विभाजन की राजनीति करता है।

वक्फ बोर्ड का विवाद: सरकार का उद्देश्य या जाकिर नाइक की साजिश?

जाकिर नाइक ने वक्फ बोर्ड और उसकी संपत्तियों पर किए गए बदलावों के बारे में कहा कि मोदी सरकार मुस्लिम समाज की संपत्तियों पर कब्जा करना चाहती है। उसने कहा कि अगर वक्फ कानून में बदलाव होता है, तो इससे मुस्लिम समाज की हजारों मस्जिदें और कब्रिस्तान हाथ से निकल जाएँगी। इसके इतर बहुत सारी जमीनों पर वक्फ बोर्ड ने फर्जी तरीके से कब्जा किया हुआ है।

यह बयान न केवल तथ्यहीन है, बल्कि जाकिर नाइक द्वारा फैलाया गया एक और झूठ है। वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन और संरक्षण भारतीय संविधान द्वारा सुरक्षित है और सरकार के किसी भी कदम का उद्देश्य समाज के हित में होता है। जाकिर नाइक ने इस मुद्दे को लेकर मुस्लिम समाज में एक गलत संदेश फैलाया है, ताकि वह अपने आप को एक नेता के रूप में प्रस्तुत कर सके और समाज को गुमराह कर सके।

वास्तव में, वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन और संरक्षण करने के लिए कुछ बदलावों की जरूरत हो सकती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सरकार उन संपत्तियों को हड़पना चाहती है। जाकिर नाइक ने इस मुद्दे को केवल विवादास्पद बनाने के लिए अपने पॉडकास्ट में पेश किया है, ताकि वह सरकार के खिलाफ एक नई साजिश रच सके।

जाकिर नाइक एक भ्रम फैलाने वाला व्यक्ति

जाकिर नाइक के अधिकांश दावे झूठे और भ्रम फैलाने वाले हैं। उसने अपने पॉडकास्ट में मोदी सरकार पर बेबुनियाद आरोप लगाए, वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर झूठे दावे किए और मुस्लिम समाज को गुमराह करने की कोशिश की। उसकी असलियत एक कट्टरपंथी और समाज में विभाजन की राजनीति करने वाले व्यक्ति के रूप में सामने आई है।

जाकिर नाइक का उद्देश्य केवल समाज में धार्मिक उन्माद और नफरत फैलाना है। उसने अपने भाषणों से कई युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेला है और आतंकवादी संगठनों से संबंध स्थापित करने का प्रयास किया है। ऐसे व्यक्ति को मजहबी विद्वान के रूप में प्रस्तुत करना समाज और देश दोनों के लिए खतरनाक है।

झूठ और सच्चाई का पर्दाफाश

जाकिर नाइक के पॉडकास्ट में किए गए दावे अधिकतर मनगढ़ंत और झूठे हैं। उसने मोदी सरकार द्वारा भेजे गए व्यक्ति से मुलाकात का झूठा दावा किया, वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर गलत जानकारी दी और मुस्लिम समाज में डर फैलाने का प्रयास किया। जाकिर नाइक का मुख्य उद्देश्य समाज में धार्मिक विभाजन पैदा करना और अपने कट्टरपंथी विचारों को बढ़ावा देना है।

भारत जैसे लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष देश में हर धर्म को समान अधिकार प्राप्त हैं, और सरकार का उद्देश्य समाज की भलाई और देश की एकता को बनाए रखना है। जाकिर नाइक जैसे लोगों को बेनकाब करना और उनके झूठ का पर्दाफाश करना बेहद जरूरी है।

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श्रवण शुक्ल
श्रवण शुक्ल
Shravan Kumar Shukla (ePatrakaar) is a multimedia journalist with a strong affinity for digital media. With active involvement in journalism since 2010, Shravan Kumar Shukla has worked across various mediums including agencies, news channels, and print publications. Additionally, he also possesses knowledge of social media, which further enhances his ability to navigate the digital landscape. Ground reporting holds a special place in his heart, making it a preferred mode of work.

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