अलीगढ़ का नाम बदलने की पहल तब भी हुई थी, जब कल्याण सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। लेकिन, उस समय केंद्र में कॉन्ग्रेस की सरकार होने के कारण यह मुमकिन नहीं हो पाया था।
हिंदुओं की भावना आहत करने के इरादे से मंदिर में देवी-देवताओं की मूर्ति खंडित करने का ये पहला मामला नहीं है। आगरा के पड़ोसी जिलों से ही कम से कम 15 ऐसी घटना हाल में सामने आ चुकी है।
उन्नाव में हिंसा से जुड़ा 22 सेकेंड का एक वीडियो इंटरनेट पर पहुँचते ही सोशल मीडिया में धड़ल्ले से शेयर किया जाने लगा। लोग यूपी पुलिस को बर्बर बताने लगे। लेकिन, जब पूरा वीडियो सामने आया तो...
महाराजा अग्रसेन की जीवनी पर शोध करने वाले ओमप्रकाश मित्तल के अनुसार भी महाभारत काल में आगरा का नाम अग्रवन था। राजा बल्लभ ने अपने परिवार में अग्रसेन के जन्म की खुशी में इसी अग्रवन के एक हिस्से में अग्रपुर की स्थापना की थी।
मुस्लिमों में शिया और सुन्नी, दोनों के ही तौर-तरीके अलग हैं। सुन्नी मुस्लिमों में तीन प्रमुख पंथ होते है- बरेलवी, देवबंदी और अहले हदीस। अयोध्या में मस्जिद के लिए 5 एकड़ ज़मीन दिए जाने के बाद भी इस पर बहस शुरू हो गई है कि ये मस्जिद किस पंथ का होगा, शिया या सुन्नी?
मजिस्ट्रेट के आदेश के बावजूद वहाँ बुधवार को मस्जिद के निर्माण का काम फिर से शुरू हो गया। आसपास के लोगों ने इसकी सूचना जब पुलिस को दी तो हयात नगर पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस अफ़सर (SHO) रवीन्द्र कुमार मौक़े पर पहुँचे और परिसर में ताला लगा दिया गया।
डॉ अशफाक पूर्व आर्मी मेजर है। वो विस्फोटक को मस्जिद तक पहुँचाने में प्रमुख भूमिका निभाया था। अशफाक इस विस्फोट मामले के मुख्य आरोपित हाजी कुतुबुद्दीन का पोता है, और मस्जिद में अक्सर नमाज अदा करता था।
ये पहली बार नहीं है जब IAS प्रशांत कुमार विवादों में आए हों। इससे पहले भी उन पर कोर्ट की अवमानना करने का आरोप लगा था। इसके अलावा इसी साल जनवरी में गलत जानकारी देने के आरोप में उन पर गैर-जमानती वारंट भी जारी हो चुका है।
शुरुआत में दावा किया गया था कि धमाका मस्जिद में रखे एक इन्वर्टर बैट्री के फटने से हुआ। पुलिस ने धमाके की साइट से फोरेंसिक सैम्पलों को जब जाँच के लिए भेजा तो साफ हो गया कि धमाका मस्जिद में रखे विस्फोटकों से हुआ था।