Saturday, July 27, 2024
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अमेठी के DM पर UP सरकार की गिरी गाज, मृतक के भाई और PCS अधिकारी का पकड़ा था कॉलर

अमेठी में भाजपा नेता के बेटे सोनू सिंह की हत्या के बाद जिलाधिकारी प्रशांत कुमार का एक वीडियो वायरल हुआ। 1 मिनट 2 सेकेंड के वीडियो क्लिप में वे पीसीएस अधिकारी एवं मृतक के भाई सुनील सिंह के साथ दुर्व्यवहार...

उत्तर प्रदेश के अमेठी में कल भाजपा नेता के बेटे सोनू सिंह की हत्या के बाद जिलाधिकारी प्रशांत कुमार का एक वीडियो सामने आया। इस 1 मिनट 2 सेकेंड के वीडियो क्लिप में वे पीसीएस अधिकारी एवं मृतक के भाई सुनील सिंह के साथ दुर्व्यवहार करते नजर आए। देखते ही देखते ये वीडियो वायरल हो गया और मीडिया में डीएम के ख़िलाफ़ खबरें चलने लगीं। सोशल मीडिया पर भी लोग इस वीडियो को शेयर करने लगे।

लगातार आती शिकायतों के बाद क्षेत्र की सांसद स्मृति इरानी ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने जिलाधिकारी प्रशांत कुमार को ट्वीट कर समझाया, “विनय शील एवं संवेदनशील बनें हम, यही प्रयास होना चाहिए। जनता के हम सेवक है, शासक नहीं।”

हालाँकि थोड़ी देर बाद इस पूरे मामले पर डीएम ने अपनी ओर से मृतक के भाई का एक वीडियो शेयर किया। जिसमें वे मीडिया को संदेश देते नजर आए कि जैसा वायरल वीडियो में दिखाया जा रहा है कि डीएम उनके साथ अभद्रता कर रहे हैं, वैसा बिलकुल भी नहीं है। ये वीडियो एडिटेड है। सुनील वीडियो में कहते सुने जा सकते हैं कि डीएम ने उनकी सभी समस्याओं को ढंग से सुना-देखा और हर संभव मदद करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि उनके जिलाधिकारी से कई वर्षों से व्यक्तिगत संबंध हैं।

इस वीडियो को डीएम ने ट्वीट कर शेयर किया और सुनील सिंह को धन्यवाद दिया। उन्होंने लिखा- “सुनील सिंह, सच बोलने के लिए शुक्रिया। अमेठी प्रशासन हमेशा आपके साथ है।” इसके बाद उन्होंने इस ट्वीट के नीचे मीडिया के नाम भी अपना संदेश दिया। जिसमें लिखा था कि मीडिया जनतंत्र का एक महत्वपूर्ण अंग है। लेकिन कुछ शरारती तत्वों द्वारा कभी-कभी मीडिया को भी गलत सूचना मिल सकती है। वीडियो एडिट कर गलत अफवाह उड़ाई जा सकती है।

लेकिन बेचारे डीएम साहब को इतना सब कुछ करने के बाद भी फायदा नहीं मिला। अब ताजा जानकारी के मुताबिक, पीसीएस अधिकारी सुनील सिंह के बयान का डीएम को कोई फायदा नहीं पहुँचा है और सरकार ने उन्हें उनके पद से हटा दिया है। अब जिले के नए डीएम अरुण कुमार होंगे।

बताया जा रहा है कि डीएम पर ये पूरी कार्रवाई योगी आदित्यनाथ द्वारा मामले का संज्ञान लेने के बाद की गई है। जिसमें प्रशांत को उनके पद से हटाकर वेटिंग सूची में डाला गया और अरुण कुमार को वहाँ तैनात कर दिया गया है।

बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब प्रशांत कुमार विवादों में आए हों, इससे पहले भी उन पर बीते दिनों कोर्ट की अवमानना करने का आरोप भी लगा था। इसके अलावा इसी साल जनवरी में गलत जानकारी देने के आरोप में उन पर गैर-जमानती वारंट भी जारी हो चुका है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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