"सदन में वो (फडणवीस और अजित पवार) बहुमत पेश नहीं कर पाएँगे, हम फिर से सरकार बनाने का प्रयास करेंगे। सरकार का नेतृत्व शिवसेना के पास हो ऐसा हमारा प्रयास होगा। बहुमत साबित होने तक हम साथ रहेंगे।"
शनिवार को शिवसेना-एनसीपी-कॉन्ग्रेस के नेताओं की ओर से महाराष्ट्र में नई सरकार का ऐलान होना था। लेकिन किसी को नहीं पता था कि शुक्रवार को ही महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपनी तीन दिवसीय दिल्ली यात्रा रद्द कर दी थी क्योंकि...
महाराष्ट्र में अब तक राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP), कॉन्ग्रेस और शिवसेना के बीच सरकार गठन को लेकर कोशिशें की जा रही थी। इसके लिए 22 नवंबर को तीनों पार्टियों के बीच दो घंटे तक बैठक भी हुई। इस बैठक में उद्धव ठाकरे के नाम पर सहमति बनी थी लेकिन...
“हम किसानों की समस्या को हल करने के लिए साथ आए हैं। नतीजे आने के दिन से लेकर आज तक कोई भी पार्टी सरकार बनाने में सक्षम नहीं थी, महाराष्ट्र किसान मुद्दे सहित कई समस्याओं का सामना कर रहा था, इसलिए हमने एक स्थिर सरकार बनाने का फैसला किया।”
इससे पहले संभाजी ब्रिगेड ने भी ट्रेलर में दिखाए गए कुछ सीन्स पर डायरेक्टर से स्पष्टीकरण माँगा हैं। ब्रिगेड ने अपने पत्र में कहा है कि फिल्म में भगवा झंडे पर ओम का चिह्न दिखाकर जानबूझकर शिवाजी की धर्मनिरपेक्ष छवि को खत्म करने की कोशिश की गई है।
कॉन्ग्रेस शिवसेना की कट्टर हिन्दुत्व की छवि से संशय में है और वो चाहती है कि इस सन्दर्भ में CMP में एक स्पष्ट संदेश शामिल किया जा सके, जिससे नई सरकार के गठन में किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े।
महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना के एनसीपी से गठबंधन की भी खबर सामने आई थी। मगर इस पर एनसीपी ने खुद सोनिया गाँधी और उनकी पार्टी का मुँह ताकना शुरू कर दिया।
राज्यपाल के साथ होने वाली बैठक में शिवसेना, एनसीपी और कॉन्ग्रेस नेताओं का तीन-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल राज्य को एक मजबूत प्रशासन प्रदान करने के तरीकों पर चर्चा करने वाला था, जिसे फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।