अशफ़ाक़ और उसके हत्यारे साथी ने सिर्फ़ कमलेश तिवारी की ही नहीं बल्कि 'हिन्दू समाज पार्टी' के उत्तर प्रदेश प्रकोष्ठ के अध्यक्ष गौरव गोस्वामी को भी मारने की योजना बना रहे थे। इसीलिए प्लानिंग के तहत सूरत से लखनऊ आते समय उन्होंने गोस्वामी को कॉल कर के कमलेश तिवारी के दफ्तर आने की काफ़ी जिद की थी। गोस्वामी ने काम ज्यादा होने के कारण इनकार कर दिया, जिससे...
बरेली के एक मौलवी को हिरासत में लिया गया। एक ड्राइवर तौहीद को दबोचा गया। शाहजहाँपुर से लेकर पीलीभीत तक, हत्यारों को हर जगह से मदद मिल रही है। इस हत्याकांड के तार दुबई से भी जुड़े नज़र आ रहे हैं। उधर लखीमपुर क्षेत्र में एक टेरर फंडिंग के बड़े गैंग का खुलासा हुआ है।
अशफाक ने अपने सहकर्मी रोहित कुमार सोलंकी के आधार कार्ड में उसकी फोटो की जगह अपनी फोटो लगा दी और बाकी की सारी जानकारी वही रहने दी। इसी फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल उसने कमलेश तिवारी की पार्टी में शामिल होने के लिए किया।
नागपुर से गिरफ्तार सैयद आसिम अली नागपुर में एमडीपी पार्टी की नगर ईकाई का अध्यक्ष है और साथ ही सुन्नी यूथ फोर्स संस्थान का उपाध्यक्ष भी। नितिन गडकरी के ख़िलाफ लोकसभा चुनाव भी लड़ चुका है और मुस्लिमों में अपनी पैठ बनाने के लिए...
नागपुर से भी सैयद आसिम अली नामक आरोपित को गिरफ़्तार किया गया है। सैयद ने एक वीडियो अपलोड किया था, जिसमें उसने कमलेश तिवारी की हत्या को जायज ठहराया था क्योंकि 'उन्होंने पैगम्बर मुहम्मद का अपमान किया है।' वह हत्यारों से लगातार संपर्क में था।
कमलेश तिवारी की हत्या के बाद एक आम हिन्दू की तरह, आपकी तरह- मैं भी गुस्से में हूँ और व्यथित हूँ। समाधान तलाश रहा हूँ। मेरे 2 सुझाव हैं। अगर आप चाहते हैं कि इस गुस्से का हिन्दुओं के लिए कोई सकारात्मक नतीजा निकले, मेरे इन सुझावों को समझें।
इससे पहले यह पता चला था कि इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले संदिग्ध हत्यारे अशफ़ाक़ और मोईनुद्दीन की लोकेशन लगातार चेंज हो रही है। रविवार को पुलिस को पता चला कि उनकी लोकेशन.....
पुलिस का कहना है कि दोनों आरोपित अपने फोन की बजाय राहगीरों से मोबाइल माँगकर इस्तेमाल कर रहे हैं। पुलिस ने दोनों की तलाश में यूपी के शाहजहॉंपुर में मुसाफिरखानों और मदरसों पर छापेमारी की है।
यूपी पुलिस ने अब तक 14 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर लिया है। इनमें, हरदोई, अंबेडकर नगर, प्रतापगढ़, देवरिया, सहारनपुर, हमीरपुर में एक-एक और प्रयागराज, औरैया में दो-दो मुक़दमे शामिल हैं। इसके अलावा साइबर यूनिट ने लखनऊ में चार मामले दर्ज किए हैं।
संदिग्ध हत्यारे कानपुर से सड़क के रास्ते लखनऊ पहुंचे थे। कानपुर रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी से इसकी पुष्टि हुई है। हत्या को अंजाम देने के बाद दोनों ने बरेली में रात बिताई थी। हत्या के दौरान मोइनुद्दीन के दाहिने हाथ में चोट लगी थी और उसने बरेली में उपचार कराया था।