उन दंगों के कारण केरल से 1 लाख हिन्दुओं को भाग कर अपनी जान बचानी पड़ी थी। कॉन्ग्रेस पार्टी की अध्यक्ष रहीं एनी बेसेंट ने इस बारे में अपनी पुस्तक में एक घटना का जिक्र करते हुए लिखा है कि हिन्दुओं का बुरी तरह से कत्लेआम किया गया। जिन्होंने भी इस्लाम अपनाने से इनकार किया, उन्हें या तो मार डाला गया, या फिर उन्हें भाग कर जान बचानी पड़ी।
"जिस तरह जलियॉंवाला बाग में जनरल डायर ने लोगों पर गोली चलवाई थी, अमित शाह भी देश के लोगों पर ऐसे ही गोली चलवा रहे हैं। अमित शाह जनरल डायर से कम नहीं हैं।"
स्थानीय नेता आशु खान, मुस्तफा और हैदर का नाम भी एफआईआर में है। सीवाईएसएस के नेता कासिम उस्मानी, AISA के चंदन और एसआईओ के आसिफ तन्हा को भी आरोपी बनाया गया है।
योगेश्वर दत्त ने जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी व उसके छात्रों को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस यूनिवर्सिटी में मजहब के आधार पर आरक्षण दिया जाता है, वही यूनिवर्सिटी अब सेकुलरिज्म के लिए लड़ने का दावा कर रही है। दत्त ने इसे दोहरा रवैया करार दिया।
जामिया नगर में CAA कानून बनने के बाद हुए बवाल पर पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। जबकि अन्य लोगों की जाँच जारी है। इस मामले में पुलिस ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाकर दंगे भड़काने के लिए 2 एफआईआर भी दर्ज की हैं।
जावेद अख्तर ने ट्वीट कर कहा कि कानून के मुताबिक बिना इजाजत पुलिस कैंपस में दाखिल नहीं हो सकती। जामिया कैंपस में बिना इजाजत घुसकर पुलिस ने ऐसी मिसाल कायम की है जो हर यूनिवर्सिटी के लिए एक खतरा है।
सीजेआई ने पूछा कि अगर छात्र पत्थरबाजी करते हैं तो क्या उनके ख़िलाफ़ FIR नहीं होगी? छात्र अगर इस तरह की हरकत करेंगे तो पुलिस क्या करेगी? साथ ही जामिया के छात्रों के वकील को फटकार लगाते हुए कहा कि आपको फैक्ट्स पता होने चाहिए।
अनुराग कश्यप ने ट्विटर से स्वयंभू निर्वासन समाप्त कर दिया है। आते ही जामिया की हिंसा का दोष मोदी सरकार और दिल्ली पुलिस के मत्थे मढ़ने की कोशिश की है। सेक्रेड गेम्स का दूसरा सीजन आने से ठीक पहले उन्होंने अपना ट्विटर अकाउंट डिलीट किया था।
बीते 3 महीने में 750 फ़र्ज़ी आईडी कार्ड बरामद किए गए हैं। इससे पता चलता है कि जामिया में हिंसा की साज़िश लंबे समय से रची जा रही थी। हिंसा भड़काने की तैयारी काफ़ी पहले से थी और संशोधित नागरिकता क़ानून के रूप में उन्हें एक नया हथियार मिल गया।
गिनती के लोगों के साथ धरने पर बैठी प्रियंका की हालत देख महिला कॉन्ग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव से रहा नहीं गया। उन्होंने आनन-फानन में किसी को फोन लगाया और फटकारने वाले अंदाज़ में पूछा- "हमारे लीडर्स कहाँ हैं? आओ भेजिए, वेणुगोपाल वगैरह को भेजिए। आप समझ गए न?"