बीफ खाने से इनकार करने पर वो लोग अपने मजहब में मुझे लाने के लिए जोर देने लगे और कहा कि रुपए की कोई कमी नहीं होगी, अच्छी नौकरी दी जाएगी। जमीन तक का लालच दिया गया।"
उक्त वकील धर्मांतरण कराने वाला एक ट्रस्ट भी चलाता है, ऐसा BCD ने पाया है। इसका संचालन भी उसी चैंबर से किया जाता था। निकाह कराने वाले काजी का नाम मोहम्मद अकबर देहलवी है।
विदेशी अख़बारों में खुद को 'हिन्दू मिलिटेंट लीडर' बताए जाने पर उन्होंने कहा कि उनकी सोच जितनी होगी, वो उतना ही बोलते हैं। उन्होंने कहा कि एक हिन्दू होने पर वो गर्व महसूस करते हैं।
केंद्रीय जाँच एजेंसी का आकलन है कि अवैध धर्मांतरण के लिए इन संगठनों को कई करोड़ रुपए विदेश से मिले हो सकते हैं। दो कथित शैक्षिक संगठनों के ठिकानों की भी तलाशी ली गई।