Saturday, April 20, 2024
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‘बीफ खिलाने की कोशिश, धन-जमीन का लालच देकर महिलाओं का धर्मांतरण’: संसद से कुछ ही दूर चल रहा ‘जॉब जिहाद’

नौकरी के लिए जाने पर वहाँ उनसे सवाल पूछा गया कि वो कौन सी चर्च में जाती हैं? ऋतु का कहना है उन्होंने जवाब दिया कि वो चर्च नहीं जाती, जिस पर अगला सवाल था कि क्या उन्हें रविवार को भी चर्च जाने का समय नहीं मिलता?

देश की राजधानी दिल्ली में स्थित YMCA में धर्मांतरण के आरोप लगे हैं। ये खुलासा ‘फैसला आप पर’ नामक यूट्यूब चैनल पर ऋतु गुप्ता उर्फ़ ऋतु पराशर ने किया। पिछले कई वर्षों से वो कई कॉलेजों में मास कम्युनिकेशन पढ़ाती रही हैं। इससे पहले वो इसी क्षेत्र में कॉर्पोरेट में काम करती थीं। उन्होंने बताया कि उनके साथ ‘धर्मांतरण जिहाद’ करने की कोशिश की गई। तब वो YMCA में PR (पब्लिक रिलेशन्स) हेड थीं।

उन्होंने बताया कि पहले तो उन्होंने इन चीजों का नाम ही सुना था, लेकिन तब उन्हें पता चला कि हिन्दू, खासकर महिलाओं को इसका निशाना बनाया जाता है। YMCA दिल्ली में चलने वाला एक NGO है, जो संसद भवन से कुछ ही किलोमीटर दूर है। उन्होंने बताया कि YMCA में कई हिन्दू महिलाएँ काम कर रही थीं, जो शादी के बाद ईसाई बन गई थीं। YMCA ईसाई संस्था है लेकिन वो खुद को सेक्युलर बताती है।

2016-2016 में ऋतु गुप्ता वहाँ काम करती थीं और उन्हें हर साल वार्षिक रिपोर्ट तैयार करनी होती थी। वहाँ उनसे उनका नाम पूछा गया और अगला सवाल था कि वो कौन सी चर्च में जाती हैं? ऋतु का कहना है उन्होंने जवाब दिया कि वो चर्च नहीं जाती, जिस पर अगला सवाल था कि क्या उन्हें रविवार को भी चर्च जाने का समय नहीं मिलता? ऋतु ने जवाब दिया कि वो एक हिन्दू हैं और उन्हें चर्च जाने की ज़रूरत नहीं।

ऋतु गुप्ता का कहना है इसके बाद उन्हें अजीब नजरों से देखा गया और उनके साथ अजीबोगरीब बर्ताव भी किए जाने लगे। वहाँ के महासचिव और HR डिपार्टमेंट से ऋतु ने इस व्यवहार के बारे में बताया। कुछ महिलाओं ने उन्हें बताया कि वहाँ हिन्दुओं को खास कर के दबाया जाता है, इसके लिए YMCA की नौकरी का इस्तेमाल किया जाता है। ऋतु गुप्ता ने बताया कि भाजपा/RSS का समर्थन न करने वाले हिन्दुओं को भी निशाना बनाया गया था।

ऋतु गुप्ता ने कहा कि उन्हें नरेंद्र मोदी की विचारधारा और व्यक्तित्व पसंद है और ‘मोदी लहर’ आने के बाद उन्होंने RSS के बारे में पढ़ना शुरू किया और विभिन्न चर्चाओं में उनका समर्थन करना शुरू किया। एक बार नरेंद्र मोदी के एक कार्यक्रम के लिए उन्होंने आधे दिन की छुट्टी ली और कंपनी में भी बताया। इससे कंपनी के लोग उनसे नाराज़ हुए। बता दें कि मोदी तब गुजरात के सीएम थे। ऋतु गुप्ता ने कहा कि इसके बाद से उनके साथ और बुरा बर्ताव होने लगा।

ऋतु गुप्ता ने कहा कि वो लोग नौकरी का धौंस दिखाते थे और सुबह के ईसाई प्रेयर में बुलाते थे। वो भी वहाँ जाती थीं, तो उन्हें देख कर वो लोग खुश हो जाते थे और ऐसा सोचते थे कि ये महिला कन्वर्ट हो सकती है। कई हिन्दुओं ने वहाँ उन्हें बताया कि सोमवार के सोमवार सुबह अच्छे नाश्ते के लिए वो वहाँ आते थे। वहाँ जीसस क्राइस्ट का प्रचार किया जाता है। ऋतु ने बताया कि ये ऐसे लोग थे, जिन्हें ठीक से बाइबल तक के बारे में नहीं पता था।

ऋतु गुप्ता ने बताया “2010-11 में नई दिल्ली YMCA की एक प्रॉपर्टी पर मैं गई थी, वहाँ कुछ जर्मन गेस्ट आए हुए थे। वहाँ मैंने YMCA के कुछ लोग बीफ खा रहे थे और उन्हें भी सर्व किया, लेकिन मैं शाकाहारी थीं और मैंने बीफ खाने से इनकार कर दिया। फिर वो लोग अपने मजहब में मुझे लाने के लिए जोर देने लगे और कहा कि रुपए की कोई कमी नहीं होगी, अच्छी नौकरी दी जाएगी। जमीन तक का लालच दिया गया।”

उस समय ऋतु गुप्ता ने इस ऑफर को ठुकरा दिया। ऋतु गुप्ता के अनुसार, धर्मांतरण को लेकर सिर्फ इस्लाम की बात होती है, लेकिन YMCA में सिखों तक को ईसाई बनाया गया है। हिन्दू और सिख महिलाओं की शादी करा कर उनका धर्मांतरण करा दिया जाता है। उन्होंने बताया कि वो महिलाएँ वहाँ आकर काम भी नहीं करतीं और गप्पें लड़ाती हैं, क्योंकि वो निश्चिंत रहती हैं कि उनके पति ईसाई हैं और कोई उन्हें कुछ नहीं कर सकता।

ऋतु गुप्ता ने खुलासा किया कि ‘जनहित’ के नाम पर ये NGO सिर्फ फोटोशूट करता है। उन्होंने बताया कि अगर किसी के घर में कोई पूजा होती है और प्रसाद की कोई वस्तु लेकर YMCA के अधिकारियों को दिया जाता है तो वो नहीं लेते हैं, या फिर पशुओं को खिला देते हैं। जबकि हिन्दू अन्य मजहबों के कार्यक्रमों में भी शिरकत करते हैं, खुद को आधुनिक दिखाने के लिए। ऋतु ने कहा कि कोई अपने धर्म का नहीं हुआ तो वो किसी धर्म का नहीं हो सकता क्योंकि धर्म बदलने की जरूरत ही नहीं है।

नई दिल्ली YMCA में धर्मांतरण को लेकर वहाँ की पूर्व पदाधिकारी ऋतु गुप्ता ने बताए अपने अनुभव (वीडियो साभार: ‘फैसला आप पर’)

उन्होंने बताया कि सिर्फ रुपए के लिए धर्म-परिवर्तन होता है। उन्होंने धर्मांतरण कराने वालों को ‘आतंकी’ बताते हुए कहा कि ये लोग ‘जॉब जिहाद’ करते हैं और नौकरी के बदले अपने मजहब में लाने की कोशिश करते हैं। उन्होंने बताया कि उनके साथ दुर्व्यवहार और बदतमीजी भी हुई थी और शिकायत के बाद महिला आयोग ने कार्रवाई भी की थी। उन्होंने बताया कि ये लोग महिलाओं को भी निहारते थे, उन्हें तंग करते थे और सस्ते चुटकुले मारते थे।

साथ ही नई दिल्ली YMCA अधिकारियों पर उन्होंने महिलाओं को लेकर गंदी-गंदी बातें करने का आरोप लगाया। जब उन्होंने बात नहीं मानी तो उन्हें डबल पोस्ट ग्रेजुएट होने के बावजूद एक स्टोर रूम टाइप के कमरे में बिठा कर उनका पानी-चाय भी बंद कर दिया था। उन्होंने नई दिल्ली YMCA पर प्रोफेशनल होने की जगह मजहबी एजेंडा चलाने का आरोप लगाया। उनका बांग्ला साहिब गुरुद्वारा जाना भी उन्हें पसंद नहीं था और इसके बारे में वो लोग कहते थे कि ये अच्छी जगह नहीं है।

उन्होंने जानकारी दी कि हिन्दुओं के अलावा सिख, जैन और बौद्ध समुदाय के लोगों को भी निशान बनाया जाता है। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे कार्यक्रम भी होते थे, जहाँ लोग ऐसे अजीब नृत्य करते थे और ऐसी-ऐसी हरकतें करते थे जैसे उन्हें मिर्गी का दौरा पड़ा हो। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों में कम पढ़े-लिखे और गरीब लोग बुलाए जाते थे। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली YMCA में खुद पढ़े-लिखे लोग नहीं हैं, लेकिन वो खुद को एकदम एलिट दिखाते हैं।

इसी तरह हाल ही में ‘ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (AIMC)’ के अध्यक्ष जॉन ऑस्टिन (JA) जयलाल पर भी अपनी संस्था के जरिए धर्मांतरण को बढ़ावा देने के आरोप लगे थे। IMA के ही एक डॉक्टर ने उनका इस्तीफा माँगा था। उन्होंने आयुर्वेद की निंदा करने वाले साक्षात्कार, व्याख्यान और सेमिनार देने में महीनों बिताए। उन्होंने कोरोना से ठीक होने का श्रेय भी जीसस को दिया। कोरोना काल में अस्पतालों का इस्तेमाल ईसाई धर्मांतरण के लिए करने की बात की।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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