हत्या की घटना के बाद पुलिस ने सुमन कुंडू और सुजय दास को कथित तौर पर गोली मारने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। दोनों को बैरकपुर उप-मंडल अदालत में बुधवार (5 जून) को पेश किया गया। दोनों के पास से कुछ हथियार और कारतूस भी बरामद किए गए।
अभी हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 42 में से 18 सीटों पर बड़ी जीत दर्ज करते हुए तृणमूल के गढ़ में काफ़ी मजबूती से दस्तक दी है। भाजपा ने सभी उम्मीदों को पार करते हुए 40% से भी अधिक वोट शेयर हासिल किया, जो अपने आप में बहुत बड़ी बात है।
पश्चिम बंगाल में ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाना एक अपराध बन चुका है, जिसके लिए सज़ा भी दी जाती है। ताज़ा मामला कलकत्ता यूनिवर्सिटी का है जहाँ एक कर्मचारी का तबादला सिर्फ़ इसलिए कर दिया गया क्योंकि उसने ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाया था।
ममता बनर्जी अब जहाँ से भी गुज़रेंगी हो सकता है कि उस स्थान को अब पूरी तरह से खाली करा लिया जाए। आमतौर पर उस स्थान को पहले से ही खाली करा लिया जाता है जहाँ नेताओं के विरोध में नारेबाज़ी होने की गुंजाइश हो या फिर उन्हें काले झंडे दिखाए जाने की संभावना हो।
‘जय श्रीराम’ के नारे से तिलमिलाई ममता ने अपनी भड़ास निकालने के लिए ‘जय बांग्ला’ और ‘जय हिंद’ शब्दों का इस्तेमाल शायद एक विकल्प के रूप में चुना है। शब्दों को लेकर ममता बनर्जी की यह सोच उनकी कुंठित मानसिकता को उजागर करती है।
कोलकाता के एक न्यूज़ चैनल ने स्टिंग ऑपरेशन करते हुए पश्चिम बंगाल के सत्तारूढ़ दल तृणमूल कॉन्ग्रेस के कुछ नेताओं को रिश्वत लेते हुए कैमरे पर पकड़ा था। कोर्ट ने इस मामले में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की भी आलोचना की थी।