विशेष कोर्ट में सीबीआई की ओर से दायर इस आरोपपत्र के अनुसार चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति ने महज़ ₹9.96 लाख लेकर 2008 में INX में विदेश निवेश के लिए गैर-क़ानूनी मंज़ूरी दिलवाई थी।
इसके अलावा भास्कर, सिंधुश्री खुल्लर, अनूप पुजारी, प्रबोध सक्सेना, आर प्रसाद जैसे लोगों के नाम भी चार्जशीट में हैं। इस चार्जशीट में वित्त मंत्रालय के 4 पूर्व अफसरों का नाम हैं। साथ ही आईएनएक्स मीडिया, एएचसीएल और शतरंज प्रबंधन भी पर भी इसमें आरोप हैं।
कोर्ट में कपिल सिब्बल ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कस्टोडियल पूछताछ की ज़रूरत है तब इन्होंने तुरंत 5 सितंबर को कस्टडी क्यों नहीं ली। ईडी ने जब भी चिदंबरम को बुलाया है वो आए हैं। आख़िरी बार चिदंबरम ईडी के सामने 8 फ़रवरी 2019 को पेश हुए थे।
आईएनएक्स मीडिया समूह को 2007 में 305 करोड़ रुपये का विदेशी धन प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी देने में अनियमितता बरतने का आरोप चिदंबरम पर है। ईडी ने 2017 में इस संबंध में धन शोधन का मामला दर्ज किया था।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट के समक्ष पूर्व वित्त मंत्री की गिरफ्तारी की माँग करते हुए कहा था, "आईएनएक्स मामले में मनी लॉन्ड्रिंग, सीबीआई के केस से अलग है और इसमें उन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ करने की जरूरत है।"
अदालत ने ईडी को पी चिदंबरम को हिरासत में लेकर 30 मिनट तक पूछताछ करने की अनुमति दी है। इसके अलावा कोर्ट ने ईडी को जरूरत लगने पर चिदंबरम को गिरफ्तार करने की भी इजाजत दे दी है।
INX मीडिया की प्रमोटर इंद्राणी मुखर्जी और उनके पति पीटर मुखर्जी के बयानों के आधार पर सीबीआई और ईडी ने चिदंबरम पर शिकंजा कसा है। आरोप है कि INX मीडिया ग्रुप को 2007 में 305 करोड़ रुपए का विदेशी धन हासिल करने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी में अनियमितता बरती गई थी।
आईएनएक्स मीडिया केस में चिदंबरम को सीबीआई ने 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था। उन पर वित्त मंत्री रहते आईएनएक्स मीडिया ग्रुप को 2007 में 305 करोड़ रुपये का विदेशी धन हासिल करने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी में अनियमितता बरततने का आरोप है।
चिदंबरम की जमानत याचिका का विरोध करते हुए सीबीआई ने कहा कि वे प्रभावशाली व्यक्ति हैं। अपने रसूख का इस्तेमाल गवाहों को प्रभावित करने और सबूतों के साथ छेड़छाड़ के लिए कर सकते हैं। चिदंबरम 21 अगस्त को गिरफ्तार किए गए थे।
सरकार ने जिन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी है सभी उस वक्त वित्त मंत्रालय में तैनात थे, जब कथित तौर पर INX मीडिया को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड मंज़ूरी देने में अनियमितताएँ बरती गई थी। इस मामले में पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं।