2016 में मोदी सरकार ने इस पहल की आधिकारिक तौर पर घोषणा की थी। इसके बाद से प्लास्टिक कचरे से 11 राज्यों में करीब 1 लाख किमी लंबी सड़कों का निर्माण हो चुका है।
छठ पूजा के मौके पर दिल्ली सरकार द्वारा पर्व के मनाए जाने के लिए सजाए गए 1,108 घाटों पर त्यौहार को प्लास्टिक और पटाखों से दूर रखने की सलाह दी गई है। घाटों पर तैनात नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों और सरकारी अधिकारियों की ज़िम्मेदारी होगी कि वे इन घाटों पर प्लास्टिक के उत्पादों के प्रयोग और आतिशबाजी को हतोत्साहित करें।
दफ्तर में नियम का उल्लंघन होता देख खुद पर 5000 रुपए का जुर्माना लगाने वाले आस्तिक कुमार पांडे पिछले साल विभाग की दीवारों और कोनों में फैली गंदगी को खुद साफ करने के कारण भी चर्चा में आए थे। इस दौरान पान और गुटखे की पीक से रंगी दीवारों को साफ़ करती हुई उनकी तस्वीरें...
मीडिया रिपोर्टों में इस फैसले से मंदी गहराने की आशंकता जताई गई थी। सरकार ने बताया है कि 11 सितंबर को मोदी द्वारा शुरू किया गया ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान सिंगल-यूज़ प्लास्टिक का इस्तेमाल रोकने के लिए नहीं, बल्कि जागरूकता बढ़ाने और जनांदोलन के ज़रिए इसका इस्तेमाल बंद करने का है।
यह मर्जी का मसला नहीं है। न ही प्रधानमंत्री की अपील या सख्त नियम-कायदों का होना जरूरी है। यह मसला आपकी जिंदगी, आने वाली पीढ़ियों की जिंदगी से जुड़ा। इसलिए, खुद से ही संभलिए। देर हुई तो न हम बचेंगे न पर्यावरण।