इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, "पाँच महीने की गर्भवती महिला के साथ किसी भी तरह की ज़बरदस्ती की जाती है तो उसे चोट लगना स्वाभाविक है। लेकिन पीड़िता के शरीर पर इस तरह की कोई चोट मौजूद नहीं थी।”
वो राम कुमार उर्फ़ लम्बू के नाम से रह रहा था और एक स्थानीय इमारत में बतौर सिक्योरिटी गार्ड कार्यरत था। उसने फर्जी पते के साथ अपने फर्जी दस्तावेज भी बना लिए थे।