Sunday, September 29, 2024

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बलात्कार

महाभारत में ‘बलात्कार’ की क्या सजा थी? इसे स्त्री की ‘इज्जत लुटने’ जैसी बेहूदी बात से किसने जोड़ा?

महाभारत की द्रौपदी वैसी नहीं थी जैसा उसे पूर्वग्रहों से ग्रस्त कुछ लोग दर्शाना चाहते हैं। क्या वो फैसले लेती नजर आती हैं? जवाब है- हाँ। जैसे आज के भारत में राष्ट्रपति के पास मृत्युदंड को क्षमा करने के अधिकार होते हैं, लगभग वैसे ही द्रौपदी भी मृत्युदंड माफ़ करती नजर आती है।

अहमद, सुल्तान, अली, नज़म और शफीक ने युवती के साथ रेप के बाद किया उसके शरीर पर पेशाब

पीड़िता ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि उसे 'माँस के टुकड़े' की तरह हाथोंहाथ बेचा गया। आरोपितों ने उसके साथ बलात्कार किया। उससे जबरन 'मनपसंद सेक्स एक्ट्स' परफॉर्म करवाए, ओरल सेक्स किया और फिर उसके शरीर पर पेशाब कर दिया। उसे बार-बार बेचा गया।

नाबालिग से बलात्कार के मामले में दो महीने में पूरी हो जाँच: कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद

देश में बलात्कार के मामलों की बढ़ती संख्या और न्याय की धीमी प्रक्रिया को देखते हुए सरकार ने 1023 फ़ास्ट ट्रैक अदालतों के गठन का निर्णय लिया है।

हैदराबाद एनकाउंटर: आरोपित की पत्‍नी ने पति का शव दफनाने से किया इनकार, रख दी ये बड़ी माँग

इन चारों के ख़िलाफ़ त्वरित कार्रवाई करने के लिए जनाक्रोश उबल पड़ा था। जनता इन्हें खुद मौत के घाट उतारने के लिए थाने के बाहर इकठ्ठा हो गई थी।

एनकाउंटर के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट पहुँचे निर्भया के गुनहगारों के वकील, रेप के लिए महिलाओं को मानते हैं जिम्मेदार

एमएल शर्मा ने कहा था कि बलात्कार के लिए पुरुष से ज्यादा महिलाएँ जिम्मेदार होती हैं। उन्होंने कहा था कि बलात्कार होते समय महिलाओं को संघर्ष नहीं करना चाहिए बल्कि जो हो रहा है, उसे होने देना चाहिए। साथ ही वो कहते हुए दिखे थे कि निर्भया चुपचाप रेप होने देती तो आरोपित 'सब कुछ कर के' उसे घर तक छोड़ देते।

‘1,000 से ज्यादा फ़ास्ट ट्रैक अदालतें, 1 साल में होगा 1,66,882 बलात्कार-पॉक्सो मामलों का निपटारा’

सरकार ने हर एक राज्य और हाई कोर्ट से इनके गठन और संचालन के लिए हाँ या न इसी साल 31 दिसंबर तक कर देने के लिए कहा है।

ऑटो ड्राइवर ने चाकू लेकर किया 5 साल की बच्ची का रेप, ख़ून से लथपथ नाबालिग अस्पताल में

ऑटो के नजदीक पहुँचने पर जंगल के अंदर से बच्ची के रोने की आवाज़ आई। आवाज़ सुनते ही परिजन रात के अँधेरे में मोबाइल का टॉर्च जला कर उस तरफ़ दौड़ पड़े। लोगों की आवाज़ सुन कर आरोपित वहाँ से भाग निकला।

मैं अपनी बहन को दफनाऊँगा क्योंकि जलाने के लिए कुछ बचा ही नहीं है: उन्नाव पीड़िता का भाई

23 वर्षीय पीड़िता के साथ ये घटना तब हुई, जब वह रायबरेली कोर्ट में सुनवाई के लिए जा रही थीं। पीड़िता ने मरने से कुछ देर पहले अपने भाई से कहा था- "भैया, बचा लो! मैं मरणा नहीं चाहती। जिन्होंने मेरे साथ ग़लत किया है, उन्हें मैं मौत की सज़ा पाते देखना चाहती हूँ।"

9 दिसंबर तक शवों को ना तो जलाया-दफनाया जाए, ना ही घर वालों को सौंपा जाए: हाई कोर्ट का आदेश

हैदराबाद एनकाउंटर को फ़र्ज़ी बताते हुए कोर्ट में पीआईएल दाखिल की गई। हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि चारों आरोपितों के शवों के पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया की वीडियोग्राफ़ी कराई जाए। उन वीडियो फुटेज को कोर्ट में सब्मिट किया जाएगा। इसके बाद...

समाज एनकाउंटर पर जश्न मनाता है, तो उसका कारण है: उन्नाव की बेटी भी कल मर गई

जब नागरिक ऐसे मामलों से उब जाते हैं तो फिर ऐसी मौतों का जश्न मनाते हैं। इसलिए ऐसे मामलों में जब किसी की हत्या ही न्यायोचित थी, भले ही उस पर केस न चला हो, आम नागरिक के लिए यह एक छोटी-सी जीत है, जिस पर खुश होने का उन्हें हक है।

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