पार्ले के अधिकारी मयंक शाह ने कर्मचारियों की छॅंटनी की खबरों का आधारहीन बताया है। उनका कहना है कि चीजों को गलत तरीके से पेश कर नकारात्मकता फैलाई गई। उन्होंने माना कि छॅंटनी इंडस्ट्री के विकास दर और बिक्री पर निर्भर करता है।
रघुराम राजन का कहना है कि जन-कल्याणकारी योजनाओं पर सरकार को कम ख़र्च करना चाहिए। चुनाव से पहले राजन ने 3.6 लाख करोड़ रुपए के बजट वाली कॉन्ग्रेस की 'न्याय योजना' का समर्थन किया था। इसे कारगर भी बताया था।
केंद्रीय मंत्री नक़वी ने अपने ट्वीट में लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत "विश्व गुरु" बनने की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ में अपने भाषण से मोदी जी ने एहसास कराया कि भारत दुनिया का सबसे मजबूत और बड़ा लोकतंत्र है।
वामपंथी नेता सीताराम येचुरी ने भी लिखा कि मोदी सरकार अपने दोस्त उद्योगपतियों को बचाने के लिए सार्वजनिक उपक्रमों को बर्बाद करने पर तुली हुई है। सूर्यकांत मिश्रा और सुजन चक्रवर्ती सहित अन्य वामपंथी नेताओं ने भी इस ख़बर के आधार पर सरकार को आड़े हाथों लिया।
मोदी को लेकर आपका नज़रिया क्या है, इस पर राय कायम करने के पहले दो ऐसी घटनाओं की जानकारी ले लेना ज़रूरी है, जब कट्टरपंथियों ने मोदी को जान से मारने की धमकी दी, लेकिन नरेंद्र मोदी ने उनके गिरफ्तार होने के बाद उन्हें माफ़ कर दिया ताकि उनकी ज़िंदगी न खराब हो।
जेएनयू में हजार वोट पाकर विद्यार्थी संघ का वाइस प्रेसिडेंट बनना किसी को यह अधिकार दे देता है कि वो लोकतान्त्रिक प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर सके? इनके हिसाब से वो मुट्ठी भर आतंकी कश्मीर घाटी के लाखों लोगों का भविष्य तय करेंगे क्योंकि उनको 'आजादी' चाहिए।
कुछ पूर्व सांसदों ने कहा था कि उनके बच्चे दिल्ली में पढ़ रहे हैं, इसलिए वे सरकारी आवास खाली नहीं कर सकते। कुछ पूर्व सांसदों ने अपने किसी परिवारजन के स्थानीय अस्पताल में भर्ती होने का बहाना बनाया था। कुछ अन्य पूर्व सांसदों ने कहा था कि वे दिल्ली में कहीं और आवास नहीं ढूँढ पा रहे हैं।
सोनिया, राहुल और प्रियंका अगर विदेश दौरों पर भी जाते हैं तो एसपीजी दस्ता उनके साथ ही जाएगा। कॉन्ग्रेस ने इस फ़ैसले का विरोध करते हुए कहा कि मोदी सरकार गाँधी परिवार की निगरानी कराने के लिए ऐसा कर रही है।
मीडिया रिपोर्टों में इस फैसले से मंदी गहराने की आशंकता जताई गई थी। सरकार ने बताया है कि 11 सितंबर को मोदी द्वारा शुरू किया गया ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान सिंगल-यूज़ प्लास्टिक का इस्तेमाल रोकने के लिए नहीं, बल्कि जागरूकता बढ़ाने और जनांदोलन के ज़रिए इसका इस्तेमाल बंद करने का है।
"महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती पर मुझे ये अवार्ड दिया जाना मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण है। ये इस बात का प्रमाण है कि अगर 130 करोड़ लोगों की जनशक्ति, किसी एक संकल्प को पूरा करने में जुट जाए, तो किसी भी चुनौती पर जीत हासिल की जा सकती है।"