साध्वी प्रज्ञा ने कहा, “मैंने ढाँचे पर चढ़कर तोड़ा था। मुझे गर्व है कि ईश्वर ने मुझे अवसर दिया और शक्ति दी और मैंने यह काम कर दिया। अब वहीं राम मंदिर बनाएँगे।”
अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप लोग इस देश को शांति से नहीं रहने देंगे, कोई न कोई हमेशा उकसाता रहता है। इलाहाबाद HC ने याचिकाकर्ता पर ₹5 लाख का जुर्माना लगाया था। सुप्रीम कोर्ट ने उस जुर्माने को भी हटाने से इनकार किया।
पिछले साल अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के तीन संदिग्ध सहयोगियों को दिल्ली पुलिस के विशेष दल ने गिरफ़्तार किया था क्योंकि वे रिज़वी को मारने की योजना बना रहे थे।
इस फैसले के क्या परिणाम होंगे? अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। हालाँकि, अयोध्या मामले के इतिहास पर नज़र डाले तो सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला घड़ी को उल्टी दिशा में घुमाकर 30 साल पीछे ले जाता दिखता है।
पहले तो ऐसे मसलों पर बात ही नहीं होनी चाहिए, और अगर हो भी रही है तो खुदाई में निकले मंदिर और बक्सों में बंद सबूतों को बाहर लाकर, उस पर निर्णय हो, न कि दलाली से, जिसके लिए आपने मीडिएशन और मध्यस्थता जैसे सुनने में अच्छे लगने वाले शब्द बना दिए हैं।
बातचीत और समझौते की राह पर जाने की बात कहते हुए कोर्ट ने कहा कि ये विषय सिर्फ ज़मीन का नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों की भावनाओं से जुड़ा हुआ है, इस पर मिल बैठकर बात करने से अगर रास्ता निकल आए तो वही बेहतर होगा।
आज सुबह राम जन्म भूमि और बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई शुरू हुई, जिसके बाद एक बार फिर से इस मामले को अगले मंगलवार तक के लिए टाल दिया गया।