Sunday, November 17, 2024

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विज्ञान

लॉकडाउन नहीं होता तो अब तक होती 26 लाख मौतें: 10 वैज्ञानिकों की कमिटी के अध्ययन में खुलासा

साथ ही इस रिसर्च पेपर में बताया गया है कि ठंडी के मौसम में ये वायरस कमजोर हो जाता है, अब तक किसी भी अध्ययन से ये साबित नहीं हो सका है।

इंग्लैंड के एक छोटे से गाँव से तय हुआ पूरी दुनिया का समय: GMT की शुरुआत से लेकर अब तक की कहानी

एक ऐसी इकाई जिससे दुनिया के समय का आकलन लागाया जाता है। इसे साल 1884 में ठीक आज ही मान्यता दी गई थी और 1972 तक यह 'अंतर्राष्ट्रीय सिविल टाइम' का मानक बन गया था।

‘वैज्ञानिकों ने पेशाब से बना लिए स्पेस ब्रिक्स’: यूरिया को यूरिन लिखने वाले NDTV को IISC प्रोफेसर ने लताड़ा

NDTV ने 'स्पेस ब्रिक्स' को लेकर भारतीय वैज्ञानिकों को बदनाम करने के लिए और उनके प्रयासों पर मिट्टी डालने के लिए जानबूझ कर गलत सूचना शेयर की।

12 प्रोफेसरों और वैज्ञानिकों को बनाया बंधक: लैब में JNU के छात्रों की गुंडई, फोन व कागजात छीने

प्रोफेसर ने इस घटना को याद करते हुए कहा कि वो काफ़ी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस घटना ने उन्हें बुरी तरह डरा दिया है। वे सदमे में हैं।

इसरो का 50वाँ लॉन्च: ख़ुफ़िया सैटेलाइट कक्षा में, सेना को एयर स्ट्राइक में नहीं होगी अब समस्या

RISAT2-BR1 के पहले तक भारत को बादल घिर आने की स्थिति में ज़मीनी तस्वीरों के लिए कनाडाई उपग्रहों से मिली तस्वीरों पर निर्भर रहना पड़ता था। यह समस्या भारत की इस साल फरवरी में हुई बालाकोट एयर स्ट्राइक के दौरान भी खड़ी हुई थी।

वैज्ञानिकों ने सबूत के साथ साबित किया सरस्वती नदी का अस्तित्व: वैदिक ऋचाओं पर रिसर्च की मुहर

78,000 ईसापूर्व से लेकर 18,000 ईसापूर्व और 7000 ईसापूर्व से लेकर 2500 ईसापूर्व की समयावधि में सरस्वती नदी निरंतर बिना किसी रुकावट के बहा करती थी। इसके साथ ही ऋग्वेद की उन कई ऋचाओं पर भी मुहर लग गई है, जिनमें सरस्वती नदी का जिक्र है।

जिन्होंने 40 साल पहले इलाज के लिए चंदा जुटाया, उनकी ही सरकार ने मरने के बाद सड़क पर छोड़ दिया

पटना यूनिवर्सिटी में उनके लिए वो पागलपन था कि छात्र उन्हें छूने के लिए मारामारी करते थे। अमेरिका ने उन्हें 'जीनियसों का जीनियस' कहा था। जिसके निधन के बाद राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने शोक जताया, उनका पार्थिव शरीर 2 घंटे सड़क पर धूल फाँकता रहा। वशिष्ठ बाबू, काश आप भारत लौटते ही नहीं!

ISRO के चंद्रयान-2 ने भेजी क्रेटर (गड्ढे) की 3-D तस्वीरें, ‘अन्धविश्वासी’ बताने वालों के मुँह पर यह है एक तमाचा

चंद्रयान-2 मिशन की 98% सफलता और केवल विक्रम लैंडर की लैंडिंग के अंतिम चरण की नाकामी को लेकर देश के कुछ कथित अति-बुद्धिजीवियों ने ISRO का मज़ाक बनाया था। लॉन्च से पहले पूजा, कथित तौर पर ज्योतिषीय रूप से शुभ घड़ी में लॉन्च करना आदि को टारगेट कर...

इसरो निश्चित रूप से चंद्रमा की सतह पर एक और लैंडिंग का प्रयास करेगा, योजना पर काम हो रहा है: के सिवान

इसरो प्रमुख ने कहा, "आप सभी लोग चंद्रयान-2 मिशन के बारे में जानते हैं। तकनीकी पक्ष की बात करें तो यह सच है कि हम विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग नहीं करा पाए, लेकिन पूरा सिस्टम चाँद की सतह से 300 मीटर दूर तक पूरी तरह काम कर रहा था।"

NASA ने जारी की 3 हाई रेजॉलूशन तस्वीरें, कहा- लैंडर विक्रम की हुई थी हार्ड लैंडिंग

"चंद्रमा की सतह पर विक्रम की हार्ड लैंडिंग हुई, यह स्पष्ट है। मगर लैंडर के बारे में अभी कुछ पता नहीं चल पाया है। तस्वीरें शाम के अंधेरे में ली गईं हैं। बाकी तस्वीरें अक्टूबर में बेहतर प्रकाश की स्थिति में ली जाएँगी।”

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