Friday, March 14, 2025
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NASA ने जारी की 3 हाई रेजॉलूशन तस्वीरें, कहा- लैंडर विक्रम की हुई थी हार्ड लैंडिंग

अमेरिकी स्पेस एजेंसी के अनुसार, लूनर रेकॉन्सेंस ऑर्बिटर, लैंडिग साइट के ऊपर से 17 सितंबर को क्रॉस किया। इस दौरान एलआरओसी ने कई सारी हाई रेजॉल्यूशन तस्वीरें ली हैं

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चंद्रयान-2 मिशन के लैंडर विक्रम पर एक नई जानकारी दी है। नासा ने 26 सितंबर को 3 तस्वीरें जारी करते हुए बताया है कि भारत के चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर ने चाँद पर हार्ड लैंडिंग की थी। नासा ने बताया कि इसकी और अधिक तस्वीरें अब अक्टूबर में ली जाएँगी।

हार्ड लैंडिंग हुई यह कंफर्म है, लोकेशन और लैंडर का अभी तक पता नहीं (फोटो साभार: NASA)

बता दें कि ये हाई रेजॉलूशन तस्वीरें नासा के लूनर रेकॉन्सेंस ऑर्बिटर (Lunar Reconnaissance Orbiter) कैमरा के जरिए खींची गई हैं। नासा की ओर से जारी बयान के मुताबिक, “चंद्रमा की सतह पर विक्रम की हार्ड लैंडिंग हुई, यह स्पष्ट है। मगर लैंडर के बारे में अभी कुछ पता नहीं चल पाया है। तस्वीरें शाम के अंधेरे में ली गईं हैं। बाकी तस्वीरें अक्टूबर में बेहतर प्रकाश की स्थिति में ली जाएँगी।”

नासा ने कहा कि लैंडर विक्रम को 6 सितंबर को शाम के 4:24 बजे चाँद की सतह पर लैंड करना था। चाँद पर सॉफ्ट लैंडिंग का यह भारत का पहला प्रयास था। अमेरिकी स्पेस एजेंसी के अनुसार, लूनर रेकॉन्सेंस ऑर्बिटर, लैंडिग साइट के ऊपर से 17 सितंबर को क्रॉस किया। इस दौरान एलआरओसी ने कई सारी हाई रेजॉल्यूशन तस्वीरें ली हैं। मगर शाम का समय होने के कारण वहाँ पर अधिकतर क्षेत्र धुँधला था। विक्रम लैंडर भी इसी धुँधले क्षेत्र में छिपा हो सकता है।

विक्रम लैंडिंग साइट का व्यू, इमेज विड्थ 87 किलोमीटर (फोटो साभार: NASA)

नासा की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि एलआरओ एक बार फिर लैंडिंग साइट के पास पहुँचने का प्रयास करेगा। अक्टूबर में जब प्रकाश की स्थिति अनुकूल होगी तो एक और कोशिश की जाएगी।

लैंडिंग साइट की नैरो एंगल तस्वीर (फोटो साभार: NASA)

गौरतलब है कि ‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ का 7 सितंबर को चाँद की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के प्रयास के दौरान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया था। विक्रम 2 सितंबर को आर्बिटर से अलग हो गया था। विक्रम ने ‘रफ ब्रेकिंग’ और ‘फाइन ब्रेकिंग’ चरणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया था, लेकिन ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ से पहले इसका संपर्क धरती पर मौजूद स्टेशन से टूट गया था। नासा के ताजा बयान से पता चलता है कि चंद्रमा के जिस अनछुए सतह पर भारत के महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट चंद्रयान-2 की सॉफ्ट लैंडिंग होनी थी, तकनीकी गलती की वजह से वहाँ लैंडर विक्रम की हार्ड लैंडिंग हुई।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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