भारत ने कहा कि शांति की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव से पाकिस्तान जुड़ा हुआ है। इसके बावजूद भीड़ ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक ऐतिहासिक मंदिर में तोड़फोड़ की और पाकिस्तानी सरकार मूकदर्शक बनकर देखती रही।
एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि हमारे त्यौहार आपके लिए 'सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम' नहीं है। एक ने सेलेब्रिटीज की शादियों और IPL के समय भी ज्ञान देने को कहा।
"पाकिस्तान के सामान्य देश बनने का एकमात्र जरिया यह है कि वह आतंकवाद को वित्तीय सहयोग देना बंद करे और अपना ध्यान उन समस्याओं पर केंद्रित करे, जो अल्पसंख्यकों समेत उसके नागरिक झेल रहे हैं।"
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ जिस तरह का व्यवहार हो रहा है उस पर खुद का मूल्यांकन करना चाहिए। पाकिस्तान ईश निंदा संबंधी क़ानून बना कर अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों का हनन कर रहा है।