Tuesday, March 19, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीय'वामपंथी सिर्फ झूठ बोलते हैं, अगर आजाद दुनिया वामपंथी चीन को नहीं बदलती तो...

‘वामपंथी सिर्फ झूठ बोलते हैं, अगर आजाद दुनिया वामपंथी चीन को नहीं बदलती तो चीन हमें बदल कर रख देगा’

"वामपंथी झूठे होते हैं। वह सिर्फ झूठ बोलते हैं लेकिन सबसे बड़ा झूठ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी अपने 140 करोड़ लोगों के लिए बोलती है जो हमेशा निगरानी में रहते हैं। उन्हें कुछ भी नहीं बोलने के लिए डराया और धमकाया जाता है। चीन की सरकार अपने देश के भीतर स्वभाव में पूरी तरह एथोरिटेटिव हो चुकी है और दुश्मनी के लिहाज़ से उसका रवैया....."

वैश्विक स्तर पर जारी चीन का विरोध धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा है। दुनिया के तमाम देशों का रवैया चीन के लिए बेहद आलोचनात्मक है। इस कड़ी में अमेरिका की दावेदारी कहीं ज़्यादा रही है। अमेरिका के विदेश मंत्री माईक पॉम्पियो ने गुरूवार के दिन कहा ह्यूस्टन स्थित चीनी वाणिज्य दूतावास जासूसी का अड्डा बन चुका है। हाल ही में अमेरिका ने इस वाणिज्य दूतावास को बंद करने का आदेश दिया था।  

पॉम्पियो ने इस बारे में कई अहम बातें कही, उनके मुताबिक़ चीन के इस काउंसलेट में कई गैर कानूनी गतिविधियाँ चल रही थीं। साथ ही तमाम अमेरिकी कंपनी के व्यापार सम्बन्धी दस्तावेज़ भी चुराए जा रहे थे।

 “अंततः हमने यह फैसला लिया है कि इस सप्ताह में चीन का यह वाणिज्य दूतावास बंद कर दिया जाएगा। यहाँ जासूसी और अमेरिकी बौद्धिक विषय वस्तु (intellectual property) की चोरी के अलावा कुछ और नहीं होता है।”

इसके बाद पॉम्पियो ने चीन की वामपंथी सरकार के तौर तरीकों पर भी कई उल्लेखनीय बातें कही। उन्होंने कहा दुनिया के हर बड़े देश को चीन का सामना करने के लिए आगे आना पड़ेगा। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की विचारधारा ही ऐसी है जिसके तहत वह दुनिया के नेतृत्व का सपना देखते हैं। इस सोच का आधार चीनी वामपंथ है। 

चीन के नागरिकों की स्थिति पर बोलते हुए पॉम्पियो ने कहा, “वामपंथी झूठे होते हैं। वह सिर्फ झूठ बोलते हैं लेकिन सबसे बड़ा झूठ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी अपने 140 करोड़ लोगों के लिए बोलती है जो हमेशा निगरानी में रहते हैं। उन्हें कुछ भी नहीं बोलने के लिए डराया और धमकाया जाता है। चीन की सरकार अपने देश के भीतर स्वभाव में पूरी तरह एथोरिटेटिव हो चुकी है और दुश्मनी के लिहाज़ से उसका रवैया लगभग सभी के लिए बेहद आक्रामक है।”  

पॉम्पियो ने आगे कहा “अगर आज़ाद दुनिया वामपंथी चीन को नहीं बदलती तो वामपंथी चीन हमें बदल कर रख देगा।”

इसके अलावा पॉम्पियो ने चीन के वुहान से शुरू हुए कोरोना वायरस पर भी कई बातें कही। उन्होंने कहा, “अगर चीन ने पहले ही दुनिया को महामारी के खतरे से आगाह कर दिया होता तो आज हालात सामान्य होते। दशकों तक हमारे नेताओं ने चीन के मतभेद पैदा करने वाले नेताओं के शब्दों को नज़र अंदाज़ किया है। जो कि दुनिया के लिए किसी चेतावनी से कम नहीं था, आज हमें जिस तरह की शासन पद्धति का सामना करना पड़ रहा है उसका कारण यही है।” 

पॉम्पियो ने यह भी कहा हम इस चुनौती का सामना अकेले नहीं कर सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ, नाटो, G7, G20 और हमारी संयुक्त आर्थिक-रक्षा शक्ति के साथ इस चुनौती का सामना करना संभव होगा। शायद यही सही समय है एक तरह की सोच रखने वाले देशों के साथ आने का। दुनिया के तमाम लोकतांत्रिक देशों को साथ आना होगा शायद तभी हम कुछ कर पाने में सक्षम होंगे। 

इसके अलावा पॉम्पियो ने कहा चीन ने हमारे ट्रेड सीक्रेट्स और बौद्धिक विषय वस्तु चुराए जिसके चलते लाखों अमेरिकी नागरिकों को अपनी नौकरी गँवानी पड़ी। इसलिए चीन के खिलाफ कड़ा कदम उठाना बहुत ज़रूरी हो गया था। 

अमेरिका के निक्सन पुस्तकालय में विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने अमेरिका और चीन के संबंधों पर विस्तार से अपनी राय रखी। इस पुस्तकालय का नाम रिचर्ड निक्सन के नाम पर रखा गया है जिन्होंने अमेरिका और चीन के संबंधों की नींव रखी थी। इस पहल के पहले तक चीन और अमेरिका के बीच किसी भी तरह के सम्बन्ध नहीं थे। अमेरिका और चीन के रिश्तों की नींव लगभग 4 दशक पहले 1970 में पड़ी थी। इस कोशिश के तहत अमेरिका की टेबल टेनिस टीम पहली बार चीन गई थी। 

इसके कुछ साल बाद 1972 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन 8 दिन के चीन के दौरे पर गए थे। इसे ‘पिंग पॉन्ग डिप्लोमेसी’ भी कहा जाता है। इतना कुछ होने के बाद अमेरिका और चीन के बीच पहली बार कूटनीतिक संबंध स्थापित हुए थे। फिर अमेरिकी डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति जिम कार्टर ने चीन के साथ 636 बिलियन डॉलर का समझौता किया था। यह समझौता पूरी तरह चीन के पक्ष में था।   

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

केजरीवाल-सिसोदिया के साथ मिलकर K कविता ने रची थी साजिश, AAP को दिए थे ₹100 करोड़: दिल्ली शराब घोटाले पर ED का बड़ा खुलासा

बीआरएस नेता के कविता और अन्य लोगों ने AAP के शीर्ष नेताओं के साथ मिलकर शराब नीति कार्यान्वयन मामले में साजिश रची थी।

क्या CAA पर लगेगी रोक? सुप्रीम कोर्ट में 200+ याचिकाओं पर होगी सुनवाई, बोले CM सरमा- असम में 3-5 लाख प्रताड़ित हिन्दू नागरिकता के...

CM सरमा ने बताया कि असम में NRC की अंतिम सूची जारी होने के बाद लगभग 16 लाख लोगों को इसमें जगह नहीं मिली थी। इसमें 7 लाख मुस्लिम हैं जबकि बाकी कोच-राजबंशी और दास जैसे उपनाम वाले असमिया हिन्दू हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe