युवक विदेशी नागरिक है। वह सऊदी अरब के बलजुराशी शहर में रहता था। उसने ऐसा क्यों किया इसकी पड़ताल की जा रही है। मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने उस स्टोर में जाने वाले हर शख्स को अस्पताल जाकर जाँच कराने की सलाह दी है।
हमले के लिए एक मस्जिद को टार्गेट किया गया क्योंकि वहाँ बड़ी संख्या में लोग नमाज़ के लिए इकट्ठा थे। मिसाइल और ड्रोन से किए गए हमले में 100 से अधिक सैनिकों की जान चली गई और दर्जनों घायल हो गए।
विदेश में अत्याधुनिक प्रेस में छपी कुरान 6 महीने से लावारिस पड़ी हैं। इन्हें मलप्पुरम के दारुल उलूम अरबी कॉलेज के प्रिंसिपल अब्दुल सलाम ने मॅंगवाया था। उनका कहना है कि गरीबों के बीच बॉंटने के लिए कुरान मॅंगवाई गई थी।