Sunday, May 5, 2024
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दिल्ली दंगों के लिए सऊदी अरब से फंडिंग: स्पेशल सेल की जाँच रिपोर्ट में खुलासा, भारत के भी कई हिस्सों से आए थे पैसे

दिल्ली दंगों की साजिश में आरोपित शिफा उर रहमान को मध्य पूर्व के देशों में स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया के पूर्व छात्र संघ के सदस्यों से फंड मिला था। रहमान के अलावा इशरत जहाँ, गुल्फ़ीशा खातून, सफूरा जरगर के साथ-साथ खालिद सैफी, मीरान हैदर और ताहिर हुसैन से...

दिल्ली पुलिस ने अदालत में पेश जाँच रिपोर्ट में कहा है कि पूर्वोत्तर दिल्ली में हुए हिन्दू विरोधी दंगों के लिए सउदी अरब और देश के अलग-अलग हिस्सों से भी फंडिंग आई थी। पुलिस का कहना है कि दिल्ली में दंगे सुनियोजित साजिश और योजना के परिणामस्वरूप भड़के थे और यह अचानक नहीं था।

इससे पहले ही दिल्ली पुलिस ने एक स्थानीय अदालत को बताया था कि गवाहों से पूछताछ से यह पता चला कि दिल्ली दंगों की साजिश में आरोपित शिफा उर रहमान को मध्य पूर्व के देशों में स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया के पूर्व छात्र संघ के सदस्यों से फंड मिला था। इसके बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने गिरफ्तार किए गए जामिया के पूर्व प्रेजिडेंट शिफा उर रहमान को 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था।

पुलिस ने कहा कि रहमान का नाम इशरत जहाँ, खालिद सैफी, मीरान हैदर, सफूरा जरगर, गुल्फ़ीशा खातून, ताहिर हुसैन और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के तीन सदस्यों से पूछताछ के दौरान सामने आया था।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अदालत से दिल्ली हिंसा की तह तक पहुँचने के लिए और आरोप पत्र दाखिल करने के लिए समय माँगा है। पुलिस ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण जारी देशव्यापी लॉकडाउन के कारण जाँच में देरी हुई है।

‘लाइव हिन्दुस्तान’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, पटियाला हाउस स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायधीश धर्मेंद्र राणा की अदालत में पुलिस की तरफ से इन दंगों के तीन अहम चेहरों को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी दी गई थी।

इनमें आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन, जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र नेता मीरान हैदर और गुल्फ़ीशा खातून (Gulfisha Khatoon) के नाम शामिल हैं। पुलिस ने कहा है कि इन तीनों को दिल्ली में दंगे भड़काने के लिए तैयार किया गया था।

मीर हैदर (35) कथित तौर पर पीएचडी छात्र है और दिल्ली में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की युवा इकाई का अध्यक्ष भी है। वहीं, सफूरा जरगर जामिया मिल्लिया इस्लामिया से एमफिल कर रही हैं। हाल ही में उनकी प्रेगनेंसी को लेकर उन्हें जमानत मिलने की चर्चा जोरों पर रही।

दिल्ली पुलिस द्वारा अदालत में सौंपी गई शुरूआती जाँच रिपोर्ट के अनुसार गुल्फ़ीशा खातून ने सोशल मीडिया साइट जैसे – फेसबुक, ट्विटर, मेसेंजर ऐप व्हाट्सएप पर देश के खिलाफ मुस्लिम समुदाय को जुटाने की तैयारियाँ की थीं।

दिल्ली में नागरिकता कानून के विरोध के नाम पर बड़े स्तर पर हिन्दू-विरोधी दंगों को अंजाम दिया गया था। यह सिलसिला शाहीन बाग़ से शुरू हुआ था जो गत दिसम्बर माह से ही अपनी गतिविधियों के कारण चर्चा का विषय बना रहा।

पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार बहुत पहले से ही अलग-अलग 21 जगहों पर धरना-प्रदर्शन की तैयारी कर ली गई थी। गौरतलब है कि इसी साल की शुरुआत में 24 फरवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दो दिवसीय दौरे पर भारत आए थे। उनके दौरे के दौरान ही उत्तरी-पूर्व दिल्ली में दंगे भड़क गए थे। दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल, आईबी अफसर अंकित शर्मा की दंगाइयों ने जान ले ली थी।

इन समेत दिल्ली में हुए दंगों में 53 लोगों की मौत हुई और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए है। पुलिस अलग-अलग मुकदमा दर्ज कर मामले की जाँच कर रही है। अब तक दिल्ली में हुए हिन्दू-विरोधी दंगों के सिलसिले में 1300 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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