स्पेशल वीवीआईपी सिक्योरिटी यूनिट के कमांडोज़ की एक टुकड़ी राहुल गाँधी के तुग़लक़ लेन स्थित आवास पर तैनात है। प्रियंका गाँधी के लोधी एस्टेट घर की सुरक्षा-व्यवस्था भी दूसरी टीम ने सॅंभाल ली है।
शिवसेना ने एक बड़ी कीमत चुकाई है। जिसकी सरकार को बाला साहेब ने हिजड़ों का शासन कहा उसके सामने झुकना पड़ा। मातोश्री अब 'मातेश्री' का शरणागत है। फिर भी हासिल कुछ नहीं हुआ।
केंद्र सरकार ने खतरे का आकलन करने के बाद पाया कि गाँधी परिवार को किसी तरह का सीधा खतरा नहीं है। बता दें कि राजीव गाँधी की 1991 में हत्या के बाद फैसला किया गया था कि पूर्व प्रधानमंत्रियों को भी एसपीजी सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
"कॉन्ग्रेस पार्टी भले ही दस साल आगे की सोच रखने का दावा करती हो मगर सच्चाई यह है कि इस पार्टी के लोग अगले दस मिनट में क्या कर डालेंगे, इसका किसी को कोई अंदाज़ा नहीं। हकीकत यह है कि आप आने वाले समय में एक वेब सीरीज बना सकते हैं कि कैसे कॉन्ग्रेस पार्टी जनता से दूर होती चली गई।"
रीजनल कंप्रेहेंसिव इकनॉमिक पार्टनरशिप (आरसीईपी) और फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स (एफटीए) पर सोनिया के बयान को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने मनमोहन सिंह का अपमान बताया है। साथ ही उन्होंने पूछा है कि क्या इसका जवाब पूर्व प्रधानमंत्री देंगे।
“सब जानते हैं कि विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने हमारे कई विधायक और नेताओं को अपने खेमे में शामिल कर लिया था। अगर वे सरकार बनाने में सक्षम होते हैं, तो वे फिर से और अधिक सख्ती के साथ ऐसा करेंगे। ऐसे में अगर हम शिवसेना के साथ सरकार बनाने में सक्षम....."
इंदिरा, सोनिया और कल प्रियंका में मॉं खोजने वाले चाटुकारों के लिए परिवार के बाहर की महिलाओं का सम्मान मायने नहीं रखता। इसलिए, कभी वे एयरहोस्टेस की आत्महत्या को राजनीतिक हथियार बनाते हैं, तो कभी उपराज्यपाल पर ओछी टिप्पणी करते हैं।
महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनावी नतीजों में कुछ भी अप्रत्याशित नहीं है। गॉंधी परिवार प्रचार से दूर रहा। राहुल कम बोले। इसका असर दिखना लाजिमी था। सो, भाजपा की सीटें दोनों जगह घट गईं।
पिछले महीने सोनिया ने आईएनएक्स मीडिया केस में तिहाड़ में बंद रहे पी चिदंबरम से भी मुलाक़ात की थी। कॉन्ग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष का इस तरह अपनी पार्टी के दागी नेताओं से जेल जाकर मिलना कई सवाल खड़े कर रहा है।