कॉन्ग्रेस के भीतर कुछ लोगों का मानना है कि पार्टी अध्यक्ष के रूप में अगर कोई ग़ैर-गाँधी पद पर आसीन होगा तो पार्टी टूट जाएगी। बता दें कि पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया, सचिन पायलट और मिलिंद देवड़ा जैसे नाम भी इस दौड़ में शामिल थे।
लोकसभा में कॉन्ग्रेस सांसद दल के मुखिया अधीर रंजन चौधरी ने ऐसी बयानबाजी कर डाली, जिससे सत्ताधारी भाजपा के साथ-साथ उनके अपने संप्रग की अध्यक्षा सोनिया गाँधी भी नाराज़ हो गईं। उन्होंने कश्मीर मसले पर बिल लाने की सरकार की हैसियत को ही चुनौती दे डाली।
कोडिरुन्निल द्वारा लोकसभा में हिंदी में शपथ लेने से यूपीए अध्यक्ष सोनिया गाँधी खासा नाराज हो गईं। सोनिया ने इसके लिए सांसद को डांट भी लगाई कि उन्होंने मलयालम की जगह हिंदी में शपथ क्यों ली। इसके बाद सोनिया ने केरल के अन्य सांसदों को मलयालम में शपथ लेने के लिए कहा।
कॉन्ग्रेस पार्टी अध्यक्ष के इस्तीफे के बाद सदन में नेता चुनने को लेकर भी अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। ऐसे में, शायद पार्टी को अब फिर से सोनिया पर ही भरोसा है और इसीलिए कार्यकर्ता उनमें जबरदस्ती 'झाँसी की रानी' को देखने की कोशिश कर रहे हैं।
कॉन्ग्रेस पार्टी में राजनीतिक संकट की पृष्ठभूमि में पार्टी संसदीय दल की नेता सोनिया गाँधी ने कहा कि कॉन्ग्रेस को फिर से मजबूत करने के लिए कई निर्णायक कदमों पर चर्चा चल रही है।
एक ओर कॉन्ग्रेस पार्टी के तमाम नेता अपने युवा अध्यक्ष राहुल गाँधी को इस्तीफ़ा वापस करने के लिए मनाने को लेकर संघर्षरत नजर आ रही है वहीं नेशनल हेराल्ड मामले में भी कुछ ऐसे मोड़ आ रहे हैं, जिन्हें सुनकर गाँधी परिवार को अच्छा नहीं महसूस होगा।
पिछले दिनों की कुछ खबरों पर चर्चा जिसमें आज हुए BJP प्रेस कॉन्फ्रेंस, राहुल गाँधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस, मीडिया के समुदाय विशेष के लोगों के ट्रोल बन कर सिमट जाने की बात और सोनिया गाँधी के मिशन 272 की बात शामिल है।
बॉलीवुड प्रोड्यूसर अशोक पंडित ने एक समाचार पत्र की रिपोर्ट को रीट्वीट करते हुए कटाक्ष किया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सोनिया गाँधी ने लोकसभा में बहुमत के लिए जरूरी 272 के आँकड़े के लिए काम करना शुरू कर दिया है।
सोनिया की इस क़वायद का मक़सद 23 मई को आने वाले चुनावी नतीजों से पहले विपक्षी दलों के बीच आपसी समझ विकसित कर लेना है, ताकि वो जनादेश हासिल करने के लिए राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से सरकार बनाने का पहला न्यौता पाने की स्थिति में ख़ुद को सक्षम साबित कर सकें।