Thursday, July 17, 2025
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कॉन्ग्रेस अध्यक्ष पद का स्कीम ग़ैर-गाँधियों के लिए नहीं: ‘माँ-बेटे की गुलामी’ पर ट्विटर यूजर्स की मसखरी

आख़िरकार एक महीने बाद आधिकारिक तौर पर राहुल गाँधी का अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा स्वीकार कर लिया गया और सोनिया गाँधी को ‘अंतरिम अध्यक्ष’ बना दिया गया। यह प्रस्ताव ग़ुलाम नबी आज़ाद, पी चिदंबरम और आनंद शर्मा द्वारा पेश किया गया जिसे पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का समर्थन प्राप्त था।

कॉन्ग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) के साथ-साथ कॉन्ग्रेस के शीर्ष परिवार ने भी राहुल गाँधी की जगह लेने के लिए सोनिया गाँधी को कॉन्ग्रेस पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष के रूप में चुनने के लिए कड़ी मेहनत की। इस बात से सोशल मीडिया पर यूज़र्स आश्चर्य में हैं और जमकर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

मीम मैराथन की शुरुआत भाजपा के सोशल मीडिया प्रभारी अमित मालवीय के साथ शुरू हुई, जिसमें उन्होंने राहुल गाँधी के इस्तीफे के बाद उनकी माँ सोनिया गाँधी को अध्यक्ष चुनने के लिए कॉन्ग्रेस पार्टी के सदस्यों पर कटाक्ष किया। उन्होंने हालिया फिल्म ‘इंदु सरकार’ के लोकप्रिय संवाद का एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें एक डॉयलाग है, “तुम लोग ज़िंदगी भर माँ-बेटे की ग़ुलामी करते रहोगे।”

जल्द ही, यह मीम सोशल मीडिया पर छा गया। कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स ने सोनिया गाँधी को पार्टी प्रमुख के रूप में पुनः चुने जाने पर कटाक्ष करने के लिए द मम्मी रिटर्न्स ट्रेन्ड शुरू किया और लिखा, “सत्ता को जहर कहने वाली कॉन्ग्रेस की राजमाता फिर वापस अध्यक्ष बन गईं!”

सोनिया गाँधी के अंतरिम अध्यक्ष बनने के बाद कॉन्ग्रेस पार्टी और उसके सदस्यों की स्थिति पर अपनी राय व्यक्त करने के लिए यूज़र्स ने बॉलीवुड हस्तियों की इमेज का भी सहारा लिया।

सोनिया गाँधी के अंतरिम अध्यक्ष बनने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा से संबंधित मसखरे अंदाज़ में मीम भी यूज़र्स ने पोस्ट किए।

कुछ यूज़र्स ने कॉन्ग्रेस के इस प्रकरण को राजनीतिक हास्य का जामा पहनाया।

दरअसल, कल शाम (10 अगस्त) को कॉन्ग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) द्वारा अपना नाम रखे जाने के बाद सोनिया गाँधी अंतरिम अध्यक्ष के रूप में काम करेंगी। कथित तौर पर CWC ने राहुल गाँधी से इस्तीफ़ा वापस लेने पर ज़ोर दिया था। लेकिन देर रात, CWC ने राहुल गाँधी के इस्तीफ़े को स्वीकार कर लिया। आख़िरकार एक महीने बाद आधिकारिक तौर पर राहुल गाँधी का अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा स्वीकार कर लिया गया और सोनिया गाँधी को ‘अंतरिम अध्यक्ष’ बना दिया गया। यह प्रस्ताव ग़ुलाम नबी आज़ाद, पी चिदंबरम और आनंद शर्मा द्वारा पेश किया गया जिसे पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का समर्थन प्राप्त था।

ख़बरों के अनुसार, कॉन्ग्रेस के भीतर कुछ लोगों का मानना ​​है कि पार्टी अध्यक्ष के रूप में अगर कोई ग़ैर-गाँधी पद पर आसीन होगा तो पार्टी टूट जाएगी। बता दें कि पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया, सचिन पायलट और मिलिंद देवड़ा जैसे नाम भी इस दौड़ में शामिल थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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