दीपा ने कहा कि उन्होंने भगवान को तो नहीं देखा है, लेकिन मोदी को देखा है। उनके अनुसार पहले जब वो दवाएँ खरीदती थीं तो 5000 रुपए से भी अधिक ख़र्च हो जाते थे। अब मात्र 1500 रुपए प्रतिमाह में उनकी दवाओं का ख़र्च निकल आता है।
पीएम मोदी ने लोगों से भी सावधानी बरतने की अपील की है। एक जगह ज्यादा लोगों के मिलने-जुलने या पार्टी वाला माहौल होने से COVID-19 के फैलने का ख़तरा ज़्यादा है, ऐसा दुनिया भर के विशेषज्ञों ने बताया है।
थाईलैंड, वियतनाम, सिंगापुर, जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान, नेपाल, फ्राँस और संयुक्त राज्य अमेरिका में भी इस वायरस के होने की पुष्टि की गई है। थाईलैंड में पाँच, सिंगापुर और ताइवान तीन में तीन, जापान, वियतनाम, दक्षिण कोरिया और संयुक्त राज्य अमेरिका में दो-दो मामले सामने आए हैं।
चीन में फैले कोरोना वायरस को लेकर भारत पहले ही अपने सभी एयरपोर्ट्स पर अलर्ट जारी कर चुका है, जिसके तहत चीन से आने वाले सभी यात्रियों की गहनता से जाँच की जा रही है। वहीं इसी बीच दिल्ली एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि हम इसे लेकर गंभीर हैं और इसके इलाज के भी हमने सभी इंतजाम पहले से ही कर लिए हैं।
बीकानेर में दिसंबर में 261 जबकि जोधपुर में 146 बच्चों की मौत। पूरे साल का आँकड़ा और भी भयानक - दोनों जिलों में 2433 बच्चों की मौत। राज्य के सरकारी तंत्र ने वजह बताई - कई बच्चों को देरी से अस्पताल लाया गया, कई नवजात कम वजन वाले थे। लेकिन सरकारी बयान के उलट की सच्चाई - एक बेड पर तीन-तीन बच्चों का इलाज, 40 में से 10 वेंटिलेटर ख़राब।
प्रदेश कॉन्ग्रेस सचिव नईमुद्दीन गुड्डु और उसके समर्थकों ने कॉन्ग्रेस नेता कुंदन यादव को अस्पताल परिसर में ही पीट डाला। कुंदन के कपड़े तक फाड़ डाले। कॉन्ग्रेसियों के इस बवाल के कारण काफी देर तक अस्पताल में अराजकता का माहौल रहा।
बीजेपी सरकार पर पैसे नहीं देने का आरोप लगाने वाले राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री अब बजट की कोई कमी नहीं होने की बात कह रहे। फिर भी अस्पताल में 533 में से 320 उपकरण ख़राब पड़े हुए हैं। 19 वेंटिलेटर में से 14 ख़राब हैं।
कोटा के जेके लोन अस्पताल में शुक्रवार की सुबह एक और बच्ची ने दम तोड़ दिया। लेकिन, खस्ताहाल अस्पताल में स्वास्थ्य मंत्री को फील गुड कराने का प्रशासन ने पूरा इंतजाम कर दिया है। वैसे भी जिस राज्य के सीएम ही मौतों को CAA से जोड़े वहॉं अधिकारियों से उम्मीद रखना भी बेमानी है।
गहलोत को पता है कि गोरखपुर और मुजफ्फरपुर में बच्चों की मौत पर चीखने वाली मीडिया को नरगिस के मॉं-बाप की सिसकी सुनाई नहीं देगी। रेखा और कांता तो खैर हिंदू नाम हैं। उनके माँ-बाप का रूदन तो वैसे भी उन्हें सुनाई पड़ना नहीं है।
बच्चों की मौत का मामला सामने आने के बाद पिछले सप्ताह 27 हीटर खरीदे गए। इन्हें वार्डों में लगाया जाना था। लेकिन, खरीदे जाने के बाद ये हीटर कहॉं गए इसके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है। अंदाजा लगाया जा सकता है गहलोत सरकार कितनी गंभीर है।