Friday, March 29, 2024
Homeराजनीति102 बच्चों की मौत के बाद भी नहीं जागी कॉन्ग्रेस सरकार: कोटा के अस्पताल...

102 बच्चों की मौत के बाद भी नहीं जागी कॉन्ग्रेस सरकार: कोटा के अस्पताल की ख़िड़कियाँ टूटी, हीटर गायब

सौ से ज्यादा बच्चों की मौत के बावजूद गहलोत सरकार की निद्रा टूटती नहीं दिख रही। कोटा के जेके लोन अस्पताल अब भी बदइंतजामी का शिकार है। अन्य सरकारी अस्पतालों की स्थिति भी जर्जर है।

राजस्थान के कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत ने सबको झकझोर दिया है। लेकिन इससे प्रदेश की कॉन्ग्रेस सरकार को कोई फर्क पड़ता नहीं दिख रहा। कोटा में केवल जेके लोन अस्पताल ही नहीं, बल्कि जिले के कई अन्य सरकारी अस्पतालों (सीएचसी व पीएचसी) की हालत भी बेहद जर्जर हैं। इनमें प्रसूतियों एवं शिशुओं के इलाज के लिए न पर्याप्त बेड हैं और न ही उपकरण।

इतना ही नहीं इन अस्पतालों में मरीजों को मिलनी वाली अन्य व्यवस्थाएँ भी माकूल नहीं हैं। इसके कारण भारी संख्या में प्रसूताओं को जेके लोन अस्पताल की ओर रुख करना पड़ता है। इस अस्पताल में दिसंबर से लेकर अब तक 102 बच्चों की मौत हो चुकी है। फिर भी अव्यवस्थाएँ सुधरने का नाम नहीं ले रही है। बीते दिनों NCPCR की टीम ने यहाँ निरीक्षण करने के बाद बताया था कि मेडिकल कॉलेज के परिसर में सुअर घूमते पाए गए और ख़िड़कियाँ-दरवाजे भी टूटे मिले। अब खबर आई है कि ठंड से ठिठुरते मरीजों के लिए पिछले सप्ताह 27 हीटर का इंतजाम किया गया था, वे गायब हैं।

राजस्थान पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार, मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल में जरूरत के मुताबिक संसाधनों और सेवाओं की बड़ी कमी है। एक नए अस्पताल के गायनिक वार्ड में जहाँ 100 बेड की आवश्यकता है, वहाँ केवल 65 बेड हैं। जिसके कारण कई माँओं को अपने बच्चों के साथ कड़ाके की सर्दी में नीचे ही लेटना पड़ता है। कहा जा रहा है शेष 35 बेडों का अलग से वॉर्ड बनना है। इसके लिए पीडब्ल्यूडी विभाग को प्रस्ताव दिया गया था। जिन्होंने वॉर्ड तो तैयार कर दिया, लेकिन वहाँ दरवाजे नहीं लगाए गए। इसके अलावा शहर के भीमगंजमंडी व सुल्तानपुर सीएचसी में शिशु रोग विशेषज्ञों के पद रिक्त हैं। इसके कारण इलाकों में रह रहे लोगों को जेके लोन अस्पताल की ओर जाना पड़ता है।

राजस्थान पत्रिका के कोटा संस्करण में प्रकाशित खबर

सीएमएचओ डॉ. बीएस तंवर इस बात को मानते हैं कि जिले के अस्पतालों में बच्चों के लिए अलग से बेड नहीं हैं। इसके कारण जच्चा-बच्चा का उपचार सामान्य बेड पर होता है। नए अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सीएस सुशील का कहना है कि ट्रॉमा सेंटर के ऊपर नया गायनिक वार्ड तैयार हो रहा है। लेकिन उसके भी छत और दरवाजों का काम बाकी है।

वहीं, जेके लोन अस्पताल में टूटी ख़िड़कियों, सीलन व अन्य अव्यवस्थाओं के कारण सर्दी में होती बच्चों की मौत पर हाड़ौती विकास मोर्चा के संभागीय अध्यक्ष राजेन्द्र सांखला ने स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल का ध्यान आकर्षित करवाया था। इसके बाद उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि अब गैरजिम्मेदारी नहीं चलेगी। उन्होंने अधीक्षक को फोन पर व्यवस्थाएँ सुधारने के निर्देश दिए। साथ ही आदेश दिया कि यदि अस्पतालों में कमी है तो उसका प्रस्ताव दें। धारीवाल ने कल ये भी कहा था कि संसाधनों के अभाव में किसी को मौत नहीं चाहिए। लेकिन आज सुबह ही जेके लोन अस्पताल में कुछ अन्य बच्चों की मौत की खबर ने फिर लोगों को सहमा दिया।

सर्दी से मरीजों को बचाने के लिए पिछले हफ्ते वार्ड इंचार्ज ने अपने-अपने वार्डों में हीटर लगाने की डिमांड नर्सिंग अधीक्षक कार्यालय को दी थी। इसके बाद 27 नए हीटरों की खरीददारी हुई। लेकिन ये 27 हीटर जो डिमांड पर मँगाए गए थे। वो कहाँ लगे, ये किसी को पता ही नहीं चला। मरीज अब भी ठिठुर रहे हैं। ख़िड़कियों से ठंडी हवा आती रहती है। वार्डों की दीवारों में भी सीलन हैं। जिसकी वजह से ठंडी हवाओं से वार्ड और भी ठंडे हो जाते हैं। इससे मरीजों व उनके तीमारदारों की हालत सर्दी से खराब होती है।

इतने गंभीर मामले पर अस्पताल के तीन अलग-अलग अधिकारी अलग-अलग बयान देते नजर आते हैं। नर्सिंग अधीक्षक रामरतन मीणा के अनुसार अस्पताल में नए हीटर आए थे, लेकिन कहाँ गए यह उन्हें नहीं पता है। शिशु विभाग के एचओडी डॉ अमृत लाल बैरवा का कहना है कि नए हीटर के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। वहीं, जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एससी दुलारा का कहना है कि नए हीटर खरीदे गए हैं। लेकिन, ये कहॉं लगाए गए हैं इसकी जानकारी उनके पास नहीं है।

गौरतलब है कि इतने संवेदनशील मुद्दे पर भी कॉन्ग्रेस नेता असंवेदनशील बयान देकर राज्य सरकार की नाकामियों पर पर्दा डालने की कोशिश में हैं। दूसरी ओर, भाजपा लगातार सरकार का ध्यान इस तरफ आकर्षित करने के प्रयास में है। लोकसभा अध्यक्ष और कोटा के सांसद ओम बिरला ने एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ध्यान बच्चों की मौत की ओर आकर्षित करवाया है। उन्होंने ट्वीट कर बताया है, “राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पुनः स्मरण पत्र भेजकर संसदीय क्षेत्र कोटा के जेके लोन मातृ एवं शिशु चिकित्सालय में शिशुओं की असमय मृत्यु की प्रतिदिन बढती संख्या को देखते हुए संवेदनशीलता के साथ चिकित्सा सुविधाओं के मजबूत बनाने का आग्रह किया है।”

कोटा में बच्चों की मौत पर प्रियंका गाँधी ‘बेनकाब’: UP में राजनीति व राजस्थान में चुप्पी पर मायावती ने साधा निशाना

शाहीन बाग़ की आवारा भीड़ पर बावली हुई जा रही मीडिया की नज़र में कोटा के बच्चों की जान सस्ती

मर गए 14 और बच्चे: कोटा के जेके लोन अस्पताल में टूटे हुए हैं ख़िड़की-दरवाजे, घूमते हैं सुअर

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मुख़्तार अंसारी की मौत: हार्ट अटैक के बाद अस्पताल ले जाया गया था माफिया, पूर्वांचल के कई जिलों में बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था

माफिया मुख़्तार अंसारी को बाँदा जेल में आया हार्ट अटैक। अस्पताल में डॉक्टरों ने मृत घोषित किया। पूर्वांचल के कई जिलों में बढ़ी सुरक्षा व्यवस्था।

‘कॉन्ग्रेस सरकार ने रोक दिया हिन्दुओं का दाना-पानी, मैं राशन लेकर जा रहा था’: विधायक T राजा सिंह तेलंगाना में हाउस अरेस्ट, बोले –...

बकौल राजा सिंह, कॉन्ग्रेस सरकार ने चेंगीछेरला के हिन्दुओं का खाना और राशन तक बंद कर दिया है और जब वो राशन ले कर वहाँ जाने वाले थे तो उनको हाउस अरेस्ट कर लिया गया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe