पीड़िता ने 10 नवंबर को दुष्कर्म की शिकायत की थी। पुलिस मामले की जॉंच के लिए उसे नासिक लेकर गई। लेकिन, आरोपित पर कोई कार्रवाई नहीं की। इसका फायदा उठाकर आरोपित ने उसके पिता को मौत के घाट उतार दिया।
रायपुर में दो बहनों की हत्या करने के मामले में एक नाबालिग सहित तीन आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपित शोएब अहमद अंसारी (25) उर्फ सैफ, गुलाम मुस्तफा (18) को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उनसे पूछताछ जारी है।
मृतक रामप्रवेश सिंह वही अधिवक्ता थे, जिन्होंने 19 साल की ऋचा भारती के उस मामले की पैरवी की थी, जिसमें कोर्ट द्वारा उन्हें (ऋचा भारती) सोशल मीडिया पर साम्प्रदायिक पोस्ट की सज़ा के रूप में क़ुरान बाँटने का आदेश दिया गया था। इस मामले में ऋचा भारती को ज़मानत दिलाने के बाद वो चर्चा में आ गए थे।
6 दिसंबर की देर रात इबरार रंजना को एक झोपड़ी में ले गया और उस पर शादी का दबाव बनाने लगा। जब लड़की ने इससे इंकार किया तो उसने उसे पटका, उसका मुँह दबाया और चाकू से गले को लगभग अलग कर दिया।
"मैं मजदूर हूँ। 5 महीने पहले पति मर गए। बेटे काम की तलाश में दरभंगा और नेपाल चले गए। एक महीने पहले जब मेरी बेटी खेत में धान काट रही थी, तभी अरमान अंसारी ने उसके साथ बलात्कार किया। उसे गर्भ भी ठहर गया। मैं चाहती थी कि वो मेरी बेटी से शादी कर ले, लेकिन उसने इनकार कर दिया और फिर जला कर मार भी डाला।"
यह पहला झूठ नहीं था, जिसे हरिशंकर ने अपने बेटे को बचाने के लिए बोला। इससे पहले वो बताया था कि उसका बेटा घटना वाले दिन लखनऊ में परीक्षा देने गया था। लेकिन एडमिट कार्ड या कोई दूसरा सबूत पेश नहीं कर पाया। फिर उसने हाईकोर्ट में अस्पताल की पर्ची जमा करवा दी। लेकिन अब यह भी फर्जी!
"8 दिसम्बर की रात मेरी बेटी शौच के लिए गई थी। वहीं से जाहिद, नसीर और ताहिर ने हथियार के बल पर उसका अपहरण कर लिया। फिर पास के जंगल में ले जाकर अपने साथियों अमर, बन्नू और बालू के साथ मिलकर उसका सामूहिक बलात्कार किया। फिर उन्होंने..."
रिव्यू पिटिशन से पहले 29 अक्टूबर 2019 को जेल प्रशासन ने सभी कानूनी रास्ते बंद हो जाने पर दोषियों को राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजने के लिए सात दिन का वक़्त दिया था। इनमें से केवल विनय शर्मा ने ही इसके लिए अर्जी दाखिल की थी।