कल गुरूद्वारे पर हमले के बाद पूरा अफगानिस्तान अपने सिख-हिन्दू भाइयों के लिए उमड़ पड़ा और अपनी सहानुभूति व्यक्त कर उसके साथ खड़े होने की दृढ़ता दिखाई। इस हमले पर अभी तक तालिबान की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इस्लामिक स्टेट ने इसकी जिम्मेदारी लेकर एक बार फिर अपना घिनौना चेहरा दुनिया के सामने रख दिया। इधर भारत में लिबरल-वामपंथी गिरोह इसको लेकर चुप्पी साधे हुए है। जैसे उसने सुकमा में नक्सली हमले के वक्त साधा था।
दिल्ली हिंदू विरोधी दंगों में छोटे से लेकर बड़े तक, जवान से लेकर बूढ़े तक और महिलाओं से लेकर बच्चों तक - हर कोई शामिल था। इसे देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह लड़ाई एक दिन या CAA विरोध की नहीं बल्कि गजवा-ए-हिंद के सपने को साकार करने की थी।
शिव महापुराण के द्वादश्ज्योतिर्लिन्ग्स्तोत्रं में उल्लेखित बारह ज्योतिर्लिंगों में से कुछ की भौगोलिक स्थितियों के बारे में भक्तों के मत अलग-अलग हैं। कारण यह है की स्तोत्र (श्लोक) में इन ज्योतिर्लिंगों की भौगोलिक स्थिति अस्पष्ट है, जिस कारण लोग अपने अपने तरीके से व्याख्या करते हैं।
उपायुक्त ने हिंदू समुदाय से इस बात के लिए माफी भी माँगी कि बीते 70 साल में उन्हें यह मंदिर नहीं सौंपा गया। उन्होंने कहा कि मंदिर को इसके वास्तविक रूप में बहाल किया जाएगा। मरम्मत और साज-सज्जा के बाद हिंदू मंदिर में पूजा अर्चना कर सकेंगे।
पुलिस रंजीत बच्चन के सोशल मीडिया अकाउंट्स खँगाल रही है। कमलेश तिवारी हत्याकांड के 3 आरोपित हाल ही में जमानत पर बाहर निकले हैं। कमलेश को सोशल मीडिया के जरिए फँसाया गया था। रंजीत के हत्या की भी इस कोण से जाँच हो रही है।
आतंकियों ने पहचान छिपाने के लिए हेलमेट पहन रखी थी। नंबर प्लेट पर कालिख पोत दी थी। मोबाइल घर पर ही छोड़ दिया। एक के ऊपर एक 3 टी शर्ट पहनी। घटना को अंजाम देते वक्त जो शर्ट पहनी थी उसे बीच रास्ते पेट्रोल डाल जला दिया। हथियार झील में फेंक दिए। बावजूद उन तक पुलिस पहुॅंच ही गई।
ख़ुद को स्टैंड-आप कॉमेडियन बताने वाले अतुल खत्री ने हिन्दुओं और सिखों के महत्वपूर्ण त्योहार लोहड़ी का सोशल मीडिया पर मज़ाक उड़ाया। कई लोगों को खत्री की बात अश्लील भी लगी और उन्होंने इस पर आपत्ति जताई। खत्री ने लिखा कि वो 'बहन की लोहड़ी (Behen Ki Lohri)' में जा रहे हैं।
दानिश कनेरिया ने आरोप लगाया कि कई पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने लीग मैच खेलने के लिए देश के क्रिकेट को किनारे पर रखा। अपना दर्द बयाँ करते हुए कनेरिया ने कहा कि उनके पास रोज़गार नहीं है, वो एक दशक से बेरोज़गार हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास परिवार भी है, उनकी मदद कौन करेगा?
"मेरी हालत बहुत ख़राब है और मैंने पाकिस्तान और दुनियाभर में कई लोगों से मदद की गुहार लगाई है लेकिन अभी तक मुझे कोई मदद नहीं मिली है। हालाँकि, पाकिस्तान में कई क्रिकेटरों की समस्याओं को सुलझाया गया है। मैंने एक क्रिकेटर के नाते पाकिस्तान के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और मुझे इसका गर्व है।"
इस खुलासे के बाद पूरे मामले में नया मोड़ आ गया। जहाँ अभी तक कॉलेज प्रशासन कह रहा था कि नमृता की मौत आत्महत्या है, वहीं फॉरेंसिक लैब से आई ब्लड सैंपल की रिपोर्ट किसी दूसरी ओर ही इशारा कर रही है।