अब आप समझ जाइए कि जब 'ऑल्टन्यूज़' के कर्ताधर्ता ऐसे काम करते हैं तो उनका प्रोपेगेंडा पोर्टल कैसे चलाया जाता होगा। बैनर पर आमजनों और पशु-पक्षियों को खाना खिलाने की बात स्पष्ट लिखी हुई है फिर भी...
जब 50 करोड़ हिन्दुओं को कोरोना से खत्म करने की दुआ करता मौलवी गिरफ्तार होता है, या फिर TikTok पर युवक इसे अल्लाह का कहर बताते नजर आते हैं, तो लोगों की जिज्ञासा एक बार के लिए मुस्लिम समुदाय पर सवाल खड़े जरूर कर देती है। ऑल्ट न्यूज़ जैसे फैक्ट चेकर्स के कंधे पर बंदूक रखकर दक्षिणपंथियों के दावों को खारिज करने का दावा करने वाला ध्रुव राठी यहाँ पर एक बार फिर सस्ती लोकप्रियता जुगाड़ते व्यक्ति से ज्यादा कुछ भी नजर नहीं आते।
प्रोपेगेंडा वेबसाईट TheWire एक फर्जी खबर चलाता है - योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ। सरकार के द्वारा FIR दर्ज की जाती है। इससे स्वघोषित फैक्ट-चेकर प्रतीक सिन्हा बौखला जाता है। इसे लेकर वह न सिर्फ ANI पर सवाल उठाता है बल्कि प्रेस स्वतंत्रता से भी जोड़ देता है।
निर्झरी सिन्हा यानी, प्रतीक सिन्हा की मम्मी ने इस तस्वीर के जरिए PM मोदी के 21 दिनों के लॉकडाउन के ऐलान का उपहास करने का प्रयास किया लेकिन दुर्भाग्यवश कुछ दिन से माँ-बेटों के षड्यंत्र को ज्यादा बल मिल नहीं पा रहा है।
...चोरी पकड़ी इसलिए गई, क्योंकि इस ट्विटर अकाउंट ने नाम तो बदल लिया लेकिन वो अपना यूजरनेम या फिर ट्विटर हैंडल का नाम नहीं बदल पाए। तैयारी अधूरी रह गई और प्रपंच पकड़ा गया। इसका मतलब है कि प्रतीक सिन्हा ने एक फेक अकाउंट का ट्वीट शेयर किया।
रुबिका ने लिखा- "इस ट्वीट में कोरोना का कोई ज़िक्र नहीं सदमेश्वर! मेरे ट्वीट का ‘प्रतीक’ बनने के लिए शुक्रिया! गहरा सदमा लगा है ‘Fearleaders’ को।" रुबिका के इस जवाब के बाद प्रतीक को कुछ नहीं सूझा और वो भाग खड़े हुए।
पीएम मोदी का साबुन वाला ट्वीट देखते ही 'भालू' ने अपने एक इंटर्न को एक कोरोना वायरस खोज कर उसका बयान लाने को कहा है। बयान ये होना चाहिए कि कोरोना साबुन से नहीं डरते। अन्य ख़बरों में दावा किया गया है कि उक्त इंटर्न मीडिया की नौकरी छोड़ कर सन्यस्थ हो गया है।