पुलवामा में हुए आतंकी हमले और उसके बाद भारत की जवाबी कार्रवाई में आतंकियों के मारे जाने के बाद ऐसे कई लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है। इन लोगों ने बलिदानी जवानों का मज़ाक बनाने से लेकर आतंकियों की पैरवी तक की थी।
पीएम ने कहा कि चाहे वो पाकिस्तान से आए हों, अफगानिस्तान से या फिर बांग्लादेश से... जो अल्पसंख्यक हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध पारसी और ईसाई हैं, उनको संरक्षण देना हमारा दायित्व है।
त्रिपुरा-असम बॉर्डर से रेलवे पुलिस फ़ोर्स ने 7 नाबालिग रोहिंग्यों को गिरफ़्तार किया है। सभी को उत्तरी त्रिपुरा के धर्मनगर रेलवे स्टेशन से गिरफ़्तार किया गया।
बांग्लादेशी घुसपैठ से परेशान होकर 1979 से 1984 तक ‘अखिल असम छात्र संघ’ ने इनके खिलाफ आंदोलन किया था। इसके बाद 1985 में असम समझौता (असम एकॉर्ड) पर हस्ताक्षर हुआ था