Wednesday, May 21, 2025
Homeदेश-समाजअसम की 6 पिछड़ी जातियों को मोदी सरकार का तोहफ़ा, सभी जातियाँ शेड्यूल कास्ट...

असम की 6 पिछड़ी जातियों को मोदी सरकार का तोहफ़ा, सभी जातियाँ शेड्यूल कास्ट में शामिल

अनुसूचित जनजाति की लिस्ट में शामिल होने वाली छ: पिछड़ी जातियों में अहोम, कोच-रागबंशी, मोरान,मटक, चुटिया और चाय जनजाति शामिल हैं।

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट करके बताया कि असम में रहने वाली छ: पिछड़ी जातियों को शेड्यूल कास्ट का दर्जा दे दिया गया है। उन्होंने अपने ट्वीट में यह भी लिखा है कि कैबिनेट की मीटिंग में इन जातियों की माँग को स्वीकार कर लिया गया है। अनुसूचित जनजाति की लिस्ट में शामिल होने वाली छ: पिछड़ी जातियों में अहोम, कोच-रागबंशी, मोरान, मटक, चुटिया और चाय जनजातियाँ हैं।

पिछड़ी जातियों की यह माँग काफ़ी पुरानी है

3 जुलाई 2017 को असम बंद का ऐलान इन सभी जातियों ने मिलकर बुलाया  था। इस बंद के दौरान अपनी माँग को मजबूती से रखते हुए इन सभी जातियों ने ‘नो एसटी, नो रेस्ट’ (No ST, No Rest) का नारा दिया था। इस बंद के दौरान इन जातियों ने एक स्वर में कहा कि जब तक उन्हें अनुसूचित जनजाति का दर्जा नहीं मिल जाता है, वो लोग इसी तरह आंदोलन करते रहेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने खुद इस मामले पर बोगई गाँव की रैली में बयान दिया था। इस मुद्दे पर मोदी ने कही था कि जल्द ही पिछड़ी जातियों की माँग मान ली जाएगी।

आंदोलन का इतिहास कुछ इस तरह है

एसटी सूची में शामिल करने के लिए पिछड़ी जातियों की माँग काफ़ी पुरानी है। साल 1996 में केंद्र ने कोच-राजबंगशीस समुदाय को 6 महीने के लिए अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया था। उस समय इस समुदाय ने एसटी कोटा से होने वाले कॉलेज के प्रवेश के अधिकांश सीटों पर अपना कब्जा जमा लिया था। इसके बाद इस मामले ने विवाद को रूप ले लिया। कुछ समुदाय जिसे पहले से ही इस समुह में शामिल हैं, उन जातियों ने इन छ: जातियों के आंदोलन का विरोध किया था। इनका कहना था कि सरकार के इस फ़ैसले से इस समूह में पहले से शामिल जातियों को नुकसान होगा।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

लश्कर ए तैय्यबा का को-फाउंडर और हाफिज सईद का करीबी आमिर हमजा गिन रहा है अंतिम साँस: पिछले दो साल में 17 आतंकियों का...

ग्लोबल टेरेरिस्ट और भारत का मोस्ट वॉन्टेड आतंकी आमिर हफजा बुरी तरह घायल है। उसे लाहौर के मिलिट्री अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

मकान बेचना है… सागर के शनिचरी-शुक्रवारी से हिंदू कर रहे पलायन: किसी के घर के बाहर फेंक देते थे माँस के टुकड़े, कोई बेटी...

मध्य प्रदेश के सागर शहर के शनिचरी और शुक्रवारी इलाकों से पिछले 10 सालों मे हिंदू आबादी में 4.88 प्रतिशत की कमी आई है।
- विज्ञापन -