"सर्वोच्च न्यायालय का जो फ़ैसला आया है वही एक अकेला रास्ता था जिससे यह मामला सुलझ सकता था। अब हिन्दुस्तान में राम जन्भूमि के स्थान पर दुनिया का सबसे सुन्दर मन्दिर बनने की तैयारी हो रही है।"
"भगवान राम में मेरी असीम आस्था के कारण, सड़कों पर पड़े काँच के एक भी टुकड़े या कंकड़ पत्थर ने मुझे कभी चोट नहीं पहुँचाई। मेरा संकल्प तब पूरा होगा जब अयोध्या में राम मंदिर की स्थापना होगी। मैं ऐसा करने के बाद ही चप्पल पहनूँगा।"
PM मोदी ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर अयोध्या में राम मंदिर के पक्ष में फैसला देने और 'हिन्दू राष्ट्र में योगदान' देने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया है। हिन्दू राष्ट्र के लिए यह एक नया इतिहास बनेगा और ऐसे 'नाज़ुक समय पर समर्थन' के लिए...
विहिप प्रवक्ता के मुताबिक राम मंदिर के लिए करीब 65 प्रतिशत नक्काशी का कार्य पूरा हो चुका है। रामजन्मभूमि न्यास के डिजाइन के अनुसार मंदिर के भूतल के लिए आवश्यक खंड भी तैयार है।
"चूँकि अब यह स्पष्ट हो गया है कि श्री रामलला एक निर्विवाद मंदिर है, इसलिए उसका शिखर भी मंदिर का था, न कि किसी मस्जिद का गुंबद, तो अनजाने में मंदिर के शिखर को तोड़ने वाले कारसेवकों पर चल रहे बाबरी मस्जिद के गुंबद तोड़ने वाले केस को अविलम्ब सरकार द्वारा समाप्त किया जाए।"
“राम जन्मभूमि न्यास चाहता है कि योगी आदित्यनाथ ट्रस्ट का नेतृत्व करें। गोरखपुर में प्रतिष्ठित गोरखनाथ मंदिर, जो गोरक्षा पीठ से संबंधित है, ने राम मंदिर आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाई है। महंत दिग्विजय नाथ, महंत अवैद्यनाथ और अब योगी आदित्यनाथ मंदिर आंदोलन के अभिन्न अंग रहे हैं।”
“बाबर एक विदेशी एक आक्रांता (हमलावर) था। हम सरकार को इसकी अनुमति नहीं देने के लिए संपर्क करेंगे। भारत में बहुत सारे अच्छे मुस्लिम हैं। देश की शांति और विकास में उनका काफी योगदान रहा है। इनमें वीर अब्दुल हमीद , अशफाकउल्ला खान और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का नाम आता है।। नई मस्जिद का नाम उनमें से किसी के नाम पर रखा जाना चाहिए।”
"अगर सरकार जमीन देना चाहती है तो हमें हमारी सुविधा के हिसाब से मिलनी चाहिए। आवंटित जमीन 67 एकड़ जमीन में से ही होनी चाहिए। तभी हम यह जमीन लेंगे। नहीं तो हम जमीन लेने की पेशकश को ठुकरा देंगे।"
बाबर के आक्रमण से वर्षों पहले भी अयोध्या एक तीर्थस्थल था और वहाँ पूजा-पाठ होते थे। यह कैसे साबित हुआ? यह साबित हुआ सिखों के पवित्र साहित्य 'जन्म साखी' से। मतलब जन्मभूमि से भारत के लोगों की भावनाएँ जुड़ी थीं, सिर्फ़ हिन्दुओं की नहीं।