शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने याद दिलाया कि कैसे शिवसेना ने भाजपा के 'बुरे दिनों' में भी उसका साथ दिया था। उद्धव ने स्पष्ट किया कि भाजपा उनके पास रोज नए ऑफर लेकर आ रही है और अभी भी गठजोड़ की उम्मीद है।
"विदा होती सरकार के बुझे हुए जुगनू रोज नए मजाक करके महाराष्ट्र को कठिनाई में डाल रहे हैं। राष्ट्रपति संविधान की सर्वोच्च संस्था हैं। वे व्यक्ति नहीं बल्कि देश हैं। देश किसी की जेब में नहीं है।"
राज्यपाल ने एनसीपी को भी सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया क्योंकि वो राज्य में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है। कॉन्ग्रेस द्वारा शिवसेना को समर्थन के सम्बन्ध में रुख स्पष्ट न किए जाने के कारण शिवसेना के नेतृत्व में सरकार का गठन नहीं हो सका।
शिवसेना को कॉन्ग्रेस के समर्थन पर व्यंग्य करते हुए हिन्दी फ़िल्म करन-अर्जुन की एक तस्वीर ट्विटर पर शेयर की गई। इस तस्वीर में अभिनेत्री राखी को सोनिया गाँधी, शाहरुख खान को उद्धव ठाकरे और सलमान ख़ान को आदित्य ठाकरे के रूप में दर्शाया गया।
शिवसेना ने राज्यपाल से कहा कि उन्हें सरकार बनाने के लिए विधायकों का समर्थन-पत्र सौंपने हेतु 3 दिनों का समय चाहिए। हालाँकि, राज्यपाल ने उन्हें तय समय-सीमा से ज्यादा समय देने से इनकार कर दिया।
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि यदि शिवसेना को हमारा समर्थन चाहिए तो उसे बीजेपी के साथ सारे रिश्ते तोड़ने का ऐलान करना होगा। और अब अरविंद सावंत के केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफे के ऐलान के साथ ही यह साफ हो गया है कि शिवसेना ने एनडीए छोड़ने का मन बना लिया है।
"शिवसेना जनादेश का अपमान कर रही है, क्योंकि महायुति को बहुमत मिलने के बावजूद सरकार का गठन नहीं हो सका। अगर शिवसेना कॉन्ग्रेस के साथ मिल कर सरकार बनाना चाहती है तो हमारी शुभकामनाएँ उनके साथ है।"
आ रही मीडिया खबरों के मुताबिक राज्य के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने फडणवीस को सबसे बड़ी पार्टी का नेता होने के चलते सरकार बनाने के लिए निमंत्रण भेजा है।