मुंबई में शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिल कर सरकार गठन करने की इच्छा प्रकट की। हालाँकि, शिवसेना बहुमत के लिए ज़रूरी विधायकों का समर्थन पत्र राजभवन को नहीं सौंप सकी। उन्होंने राज्यपाल से कहा कि उन्हें सरकार बनाने के लिए विधायकों का समर्थन-पत्र सौंपने हेतु 3 दिनों का समय चाहिए। हालाँकि, राज्यपाल ने उन्हें तय समय-सीमा से ज्यादा समय देने से इनकार कर दिया।
कॉन्ग्रेस नेता माणिकराव ठाकरे ने कहा है कि न तो एनसीपी और न ही उनकी पार्टी की तरफ़ से शिवसेना को समर्थन देने वाला कोई पत्र राज्यपाल को सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि शरद पवार और कॉन्ग्रेस नेताओं की बातचीत के बाद पार्टी अगले क़दम का खुलासा करेगी। कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी कहा कि एनसीपी से बातचीत करने के बाद ही अब कुछ निर्णय लिया जाएगा।
Mallikarjun Kharge, Congress: We’ve already issued a press note & we’ve mentioned that we’ve already discussed with working committee members and our PCC leaders. Our AICC President has spoken to Sharad Pawar ji. Further discussion will take place in Mumbai tomorrow. #Maharashtra pic.twitter.com/bBGIkuPUhq
— ANI (@ANI) November 11, 2019
उधर, एनसीपी नेता अजीत पवार ने कहा है कि राज्यपाल ने उनकी पार्टी को मिलने के लिए राजभवन बुलाया है।जब उनसे पूछा गया कि क्या राज्यपाल ने उन्हें सरकार गठन करने का न्योता दिया है, अजीत पवार ने जवाब दिया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। पवार ने कहा कि राज्यपाल ने उन्हें क्यों बुलाया है, यह बताया नहीं गया है।
इससे पहले शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कॉन्ग्रेस सुप्रीमो सोनिया गाँधी से फोन पर बातचीत की। इस बातचीत के दौरान सरकार गठन पर बात हुई। जयपुर में कॉन्ग्रेस के कई नेताओं ने विधायकों के साथ बैठकें की थी। शिवसेना ने भी सोमवार (नवंबर 11, 2019) को कई राउंड की बैठकों के बीच सरकार गठन को लेकर भावी रणनीति पर विचार किया। ताज होटल में एनसीपी के संस्थापक अध्यक्ष शरद पवार और उद्धव की बैठक के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि एनसीपी और कॉन्ग्रेस शिवसेना को समर्थन दे सकती है।
आदित्य ठाकरे और एकनाथ शिंदे सहित अन्य शिवसेना नेता राजभवन पहुँचे थे। कहा जा रहा है कि जब सोनिया गाँधी दिल्ली में कॉन्ग्रेस के मराठी दिग्गजों के साथ बैठक कर रही थीं, तब जयपुर में एक रिसॉर्ट में ठहराए गए कई पार्टी विधायकों से उनकी बात भी कराई गई। सोनिया ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विधयकों की राय ली। कहा जा रहा है कि इन सब में गाँधी परिवार के वफादार अहमद पटेल की भी भूमिका है, क्योंकि उद्धव और सोनिया की बातचीत उन्होंने ही कराई। दोनों नेताओं की बातचीत क़रीब 5 मिनट तक चली।
Guv of #Maharashtra: Delegation of Shiv Sena met Guv&expressed willingness to form govt. However, they couldn’t submit requisite letter of support.They submitted letter requesting 3-day extension for submitting letters of support.Guv expressed inability to give further extension pic.twitter.com/YHdcksCNhJ
— ANI (@ANI) November 11, 2019
उधर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर में कॉन्ग्रेस के महाराष्ट्र के नव-निर्वाचित विधायकों से मुलाक़ात की। 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में भाजपा को 105, शिवसेना को 56, कॉन्ग्रेस को 44 और एनसीपी को 54 सीटें मिली है। भाजपा-शिवसेना और कॉन्ग्रेस-एनसीपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था। लेकिन, ढाई साल के लिए सीएम पद की मॉंग पर शिवसेना के अड़ने के बाद भाजपा ने सरकार बनाने से कदम पीछे खींच लिए थे। इसके बाद राज्यपाल ने शिवसेना को सरकार गठन का न्योता दिया था।