किताब के एक चैप्टर विशेष रूप से इस बात से संबंधित है कि कैसे इस्लामवादियों ने आर्य समाज को पूरी तरह से बदनाम करने के लिए सड़क हिंसा और हत्याओं का इस्तेमाल किया।
राहुल रौशन ने हिंदुत्व को एक विचारधारा के रूप में क्यों विश्लेषित किया है? यह विश्लेषण करते हुए 'संघी' बनने की अपनी पेचीदा यात्रा को उन्होंने साझा किया है- अपनी किताब 'संघी हू नेवर वेंट टू अ शाखा' में…"