नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में हिंसा के दौरान शाहरुख़ ने पुलिस पर फायरिंग की थी। उसने कुल 8 राउंड फायर किए थे। उस वक़्त उसने लाल रंग की टीशर्ट पहन रखी थी। पूछताछ के बाद उसके बारे में कई और खुलासे होने की उम्मीद है।
ओवैसी, शरजील इमाम, हुसैन हैदरी, इकबाल, जिन्ना, लादेन की फेहरिश्त में आप नाम जोड़ते जाइए उन सबका भी जो शायद आपके आसपास बैठा हो, जो आपके साथ काम करता हो, जिनका पेशा कुछ भी क्यों न हो लेकिन वो लगे हों उम्मत के लिए ही।
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने साफ़ किया है कि इस स्टेज पर वो वार्ताकारों द्वारा फाइल की गई रिपोर्ट को केंद्र सरकार, दिल्ली पुलिस और याचिकाकर्ताओं के साथ साझा नहीं कर सकती।
भीड़ ने जब मंदिर और पुलिस पर ज्यादा पथराव किया तो बदले में पुलिस ने पत्थरबाजों पर आँसू गैस के गोले छोड़े। इसके बाद वहाँ मौजूद लोगों में भगदड़ मच गई और धरना दे रहीं महिलाएँ भी भाग गईं। देहलीगेट और ऊपरकोट इलाके में सुबह से जारी जुलूस प्रदर्शनों में भीम आर्मी के कार्यकर्ता भी शामिल रहे।
कॉन्ग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून जैसे विषयों से विपक्षी राजनीतिक दलों को इन विरोध प्रदर्शनों से एक हाथ की दूरी बनाए रखनी चाहिए और जन आंदोलनों को जबरन अपना बनाने की कोशिश कोशिश नहीं करनी चाहिए।
“गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली चुनाव के कैंपेनिंग के दौरान कहा कि ईवीएम का बटन इतने गुस्से के साथ दबाना कि बटन यहाँ दबे और करंट शाहीन बाग के अंदर लगे। क्या कोई गृह मंत्री ऐसा भाषण दे सकता है? इसलिए मैं कहती हूँ कि अमित शाह भारत के होम मिनिस्टर नहीं हैं, वह देश के हेट मिनिस्टर का काम कर रहे हैं।”
"सरकार को संविधान के अनुसार इसके प्रारूप में परिवर्तन करने होंगे। संविधान में स्पष्ट है कि धर्म के आधार पर नागरिकता नहीं दी जा सकती। जब उद्धव पूरे कानून को ध्यान से पढ़ेंगे तब उन्हें समझ आएगा कि NPR और NRC में बहुत फर्क नहीं है। एक बार आप NPR पर सहमत हुए तो NRC को नहीं रोक पाएँगे।"
उन्होंने कहा कि एनआरसी में कई डरावने प्रावधान हैं। जब उनसे पूछा गया कि एनआरसी के ड्राफ्ट कहाँ हैं तो स्वरा भास्कर ने कहा कि ये सब देखना मेरा काम नहीं है। मतलब बिना ड्राफ्ट आए ही स्वरा को पता चल गया कि एनआरसी में डरावने प्रावधान हैं।
मनसे कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस अधिकारी भी रहते हैं, जो लोगों द्वारा दिखाए गए कागज़ातों की सत्यता की जाँच करते हैं। मनसे नेताओं ने भी पार्टी के इस अभियान की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि पार्टी लगातार ऐसे लोगों पर नज़र रखे हुए है, जो बांग्लादेशी घुसपैठियों वाले इलाक़ों में रखते हैं।
कॉलेज में 'आज़ादी' से जुड़े कई पोस्टर चस्पा मिल जाएँगे। जम्मू कश्मीर की 'आज़ादी' को लेकर भी कई पोस्टर लगाए गए हैं। कॉलेज के कार्यक्रमों का इस्तेमाल सीएए को लेकर भ्रम फैलाने के लिए किया जा रहा है। जम्मू कश्मीर पर 'कब्जा' और तालाबंदी होने की बात कही गई है।