आंदोलनकारी छात्रों के धरने में अचानक से एएमयू कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर पहुँच गए। उन्होंने जाते ही छात्रों को सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक पोस्ट से सम्बन्धित कागज को दिखाते हुए नाराजगी जताई, जिसके जवाब में छात्रों ने कहा कि वायरल हो रही खबर के कारण हम 32 हजार छात्रों को कटघरें में खड़ा नहीं कर सकते।
यह उस आज़ादी की माँग है। जिसकी एक झलक पिछले दिनों जामिया और जेएनयू में प्रदर्शनकारियों के हाथों में पकड़े पोस्टरों में दिखाई दी थी। इस आज़ादी की माँग को उन शिक्षकों ने दोहराया है, जिनके ऊपर विश्वविद्यालय के छात्रों को उज्ज्वल भविष्य की राह दिखाने की ज़िम्मेदारी है।
"हम तुम्हें असली तस्वीर दिखाएँगे। इंशाल्लाह। हिंदुस्तान के झंडे तिरंगे में मौजूद तीन अलग-अलग रंग हैं। जो देश में अलग-अलग धर्मों (हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई) को दर्शाता है। उसमें से ये लोग मुस्लिम को निकालने के चक्कर में हैं। लेकिन, जरा अमित शाह, मोदी, योगी नीचे झाँक कर देखें....."
इन वीडियो में 'लिबरल्स' की भीड़ बच्चों को कन्धों पर बिठाकर जो नारे लगवा रही है, वो स्पष्ट करता है कि इस सारे हंगामे का कारण कोई कानून नहीं बल्कि कुछ चुनिंदा लोगों का सत्ता में होना। वीडियो में बच्चा नारे लगाते हुए कहता है- 'हम ले के रहेंगे आज़ादी, तेरा बाप भी देगा आज़ादी, तेरी माँ भी देगी आज़ादी।"
दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को चंद्रशेखर सशर्त जमानत दी थी। अदालत ने कहा था कि वह चार हफ्तों तक दिल्ली नहीं आ सकेंगे और चुनावों तक धरना-प्रदर्शन से दूर रहेंगे।
"कई डॉक्टरों ने अराजक तत्वों के इस गिरोह के हमले का सामना किया है। ये लोग 'जिहादी' हैं। राष्ट्रीय मुद्दों पर आतंकवादियों के समर्थन करते हैं। इन्हें अफ़ज़ल गुरु, इशरत जहाँ का समर्थन करते और भारतीय सेना को गाली देते देखा-सुना जा सकता है।"
गैर मुस्लिमों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार करने वाला मलेशिया कभी खुद को भारत का अच्छा दोस्त बताता था। लेकिन, हाल में कश्मीर से लेकर CAA तक हर मुद्दे पर मुसलमानों का हवाला दे वह अलग राग अलापने लगा था। लेकिन, पाम ऑयल के कारोबार में कटौती होते ही वह बातचीत की राह लौट आया है।
कपल ने विवाह आयोजन के लिए तैयार किए गए निमंत्रण कार्ड में वैवाहिक कार्यक्रमों के साथ यह भी विशेष तौर पर छपवाया है, “हम सीएए व एनआरसी का समर्थन करते हैं।”
किसी वजह से किसी स्वास्तिक में बिंदु न हों तो इसका मतलब ये कतई नहीं है कि वो हिन्दुओं का प्रतीक चिन्ह नहीं है। यह एक बड़ी विडंबना है कि जो लोग हिन्दुओं के लिए अपने मन में घृणा रखते हैं वो बताते हैं कि कौन-सा प्रतीक हिन्दुओं का है और कौन-सा नहीं।
राजदीप ने गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान को CAA के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए अपने शो में आमंत्रित किया था। इस दौरान उन्होंने रबर स्टाम्प बता गवर्नर को नीचा दिखाने की कोशिश की। जवाब में खान ने उनकी भाषा को अभद्र बताते हुए क्लास लगाई।