कार चलाने के अलावा उन पर कार चलाना सीखने और लाइसेंस बनवाने का भी आरोप है। इसे चर्च ने 'grave violations' (गंभीर उल्लंघन') की संज्ञा दी है। उन पर ऐसे ही कुल 14 आरोप लगाए गए हैं, जिन्हें उन्होंने जाबूझकर अपनी छवि खराब करने की साजिश के रूप में ख़ारिज कर दिया है।
बिशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया ने मार्च 2019 में प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में मोदी सरकार की आलोचना करते हुए लिखा था कि धार्मिक मामलों में मीडिया की लापरवाही, भोजन की चॉइस को लेकर हुए कई विवाद और सांस्कृतिक भिन्नता ने अल्पसंख्यकों को असुरक्षित महसूस कराया है।
मेलबर्न (ऑस्ट्रेलिया) के कार्डिनल जॉर्ज पेल पर आरोप था कि उसने चर्च के दो ‘कॉयर बॉयज़’ (प्रार्थना गीत गाने वाले लड़के) का नब्बे के दशक में यौन शोषण किया था।
बलात्कार, यौन शोषण के आरोपित पादरी अब भी खुले घूम रहे हैं, ननों को प्रताड़ित करने वाले बिशप अब भी अपने पद पर बेशर्मी से कार्यरत हैं, चर्च प्रशासन के अन्याय से तंग नन्स आज भी सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करने को मजबूर हैं।