नन्द कुमार बघेल को 'राष्ट्रीय मतदाता जाग्रति मंच एवं कल्याण समिति' का अध्यक्ष बताया गया है। इसमें दावा किया गया है कि 'मोदी कोरोना' से निपटने के लिए बुद्ध और गाँधी के रास्ते पर चलते हुए छत्तीसगढ़ के 13 स्थानों पर लॉकडाउन का उल्लंघन किया जाएगा।
"जमात से जुड़े एक युवक की कोरंगामाल गाँव में पत्नी के पास लौटने की उन्हें सूचना मिली थी। सूचना पर उन्होंने जब गाँव पहुँचकर जाँच की तो पता चला युवक तो कई महीनों से गाँव ही नहीं आया। लेकिन इस जानकारी के बाद टीम सतर्क हो गई और निगरानी बनी हुई है। यदि युवक लौटता है तो उसे पहले क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाएगा। गाँव वाले भी इसे लेकर काफी सतर्क हैं।"
उन लोगों ने दोनों स्वास्थ्यकर्मियों को एनआरसी का सर्वे करने वाला बताया। फिर उनसे विवाद शुरू कर दिया। महिला द्वारा जोर-जोर से चिल्लाने पर आरोपित निगारा खातून सहित आसपास की करीब 30 महिलाएँ व कुछ पुरुष वहाँ पहुँच गए। सभी ने मिलकर दोनों स्वास्थ्यकर्मियों को घेर लिया और उनसे मारपीट की।
4 महिलाएँ, 4 पुरुष। रहने वाले पश्चिम बंगाल के मिदनापुर के। निजामुद्दीन में जमात के कार्यक्रम में शिरकत की। मिले छत्तीसगढ़ की एक मस्जिद से। जब मौके पर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुॅंची तो उनका विरोध किया। उन्हें गुमराह करने की कोशिश की।
“हमें जानकारी मिली थी कि बड़ी संख्या में लोग आवश्यक वस्तुओं को लेने के लिए विधायक के आवास पर एकत्र हुए हैं। वहाँ पर लगभग एक हजार लोग थे। यह राज्य सरकार द्वारा लगाई गई धारा 144 का उल्लंघन है। भारतीय दंड संहिता की धारा 188 और 279 के तहत कार्रवाई की जाएगी।”
नक्सलियों से हुई मुठभेड़ में 17 जवान वीरगति को प्राप्त हुए हैं। अब तक कहा जा रहा था कि ये सभी जवान लापता हैं लेकिन अब उनके वीरगति को प्राप्त होने की पुष्टि हो गई है। इनमें से 12 डीआरजी के हैं जबकि 5 एसटीएफ के हैं।
नक्सलियों ने 600 सुरक्षा बलों की टीम पर फायरिंग की। नक्सलियों के नए मुखिया बासवराजू ने आक्रामक रुख अख्तियार किया है। नक्सलियों ने अपने हथियारों को भी दुरुस्त कर लिया है और वो ग्रेनेड लॉन्चर का प्रयोग करने में लगे हुए हैं।
कॉन्ग्रेस विधायक के साले पर आरोप है कि उसने की छात्रा को लिफ्ट देने के बहाने सुनसान जगह पर ले जाकर दुष्कर्म का प्रयास किया। इस मामले में पंचायत बिठाकर आरोपित को दो थप्पड़ लगाकर माफी मँगवाकर पूरे प्रकरण को दबाने का प्रयास किया गया।
कोरोना से निपटने पर हाई लेवल मीटिंग हो और उसमें स्वास्थ्य मंत्री को ही नहीं बुलाया जाए, तो इसके क्या मायने हो सकते हैं। कुछ ऐसा ही छत्तीसगढ़ में हुआ है। सीएम ने स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के बिना ही कोरोना से निपटने पर चर्चा कर ली।