नक्सलियों ने 600 सुरक्षा बलों की टीम पर फायरिंग की। नक्सलियों के नए मुखिया बासवराजू ने आक्रामक रुख अख्तियार किया है। नक्सलियों ने अपने हथियारों को भी दुरुस्त कर लिया है और वो ग्रेनेड लॉन्चर का प्रयोग करने में लगे हुए हैं।
कॉन्ग्रेस विधायक के साले पर आरोप है कि उसने की छात्रा को लिफ्ट देने के बहाने सुनसान जगह पर ले जाकर दुष्कर्म का प्रयास किया। इस मामले में पंचायत बिठाकर आरोपित को दो थप्पड़ लगाकर माफी मँगवाकर पूरे प्रकरण को दबाने का प्रयास किया गया।
कोरोना से निपटने पर हाई लेवल मीटिंग हो और उसमें स्वास्थ्य मंत्री को ही नहीं बुलाया जाए, तो इसके क्या मायने हो सकते हैं। कुछ ऐसा ही छत्तीसगढ़ में हुआ है। सीएम ने स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के बिना ही कोरोना से निपटने पर चर्चा कर ली।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हुँगा कवासी की हत्या की घटना की जानकारी मिलने के बाद क्षेत्र के लिए पुलिस दल रवाना किया गया और घटना के लिए जिम्मेदार नक्सलियों की खोज शुरू की गई। कवासी के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
कल्पना के साथ पूर्व एमएलए लिव इन रिलेशन में थे। कल्पना उन पर शादी के लिए दबाव बना रही थी। शादी के बहाने उसे साईं मंदिर बुलाया और रॉड से उसके तथा उसकी बेटी के सिर पर वार किया। फिर दोनों के चेहरे को गाड़ी से कुचल दिया।
महिला आईपीएस ने प्रदर्शनकारियों को समझाते हुए, कोई नुकसान न पहुँचाने और शांति पूर्ण प्रदर्शन करने की हिदायत दी। इसके बाद ही कॉन्ग्रेस की महिला विधायक शकुंतला साहू वहाँ पहुँची, और आईपीएस अधिकारी को, "ठीक से रहो वर्ना औकात दिखा दूँगी" की धमकी दी।
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने मीसा पेंशन को यह कहते हुए बंद कर दिया कि ये स्वतंत्रता सेनानी हैं, तो फिर पेंशन क्यों दिया जाए, जिसे लेकर बीजेपी ने राज्य सरकार के फैसले के ख़िलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कही है।
छत्तीसगढ़ पुलिस ने सीएए के समर्थन में हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे 19 के खिलाफ धारा 151 के तहत कार्रवाई कर दी, हालाँकि, पुलिस ने सभी को मुचलके पर छोड़ दिया।
2008 में आतंक से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए मनमोहन सरकार एक कानून लाती है। यह अच्छा काम भी कर रही होती है। लेकिन कॉन्ग्रेस के ही एक मुख्यमंत्री को इससे दिकक्त होने लगी, पहुँच गए सुप्रीम कोर्ट। कॉन्ग्रेसी CM के फैसले से खुश कौन है? - PFI, वही, जिस पर खुद बैन लगने की तलवार लटक रही है।
"एनसीआर हो या एनपीआर, दोनों गरीबों पर टैक्स हैं। नोटबंदी गरीबों पर टैक्स था। यह पूरी तरह गरीबों पर आक्रमण है। लोगों को नोटबंदी की तरह ही लाइन पर लगाया जाएगा। देश का समय बर्बाद किया जा रहा है।"