जमात फेडरेशन में मोहम्मद जॉन 'संरक्षक' के पद पर साल 2010 से आसित थे। लेकिन सोवमार को उन्हें इस पद से यह कहकर हटा दिया गया कि नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन करके उन्होंने समुदाय का अपमान किया है।
"छात्र से अपील है कि वे इस एक्ट को अच्छी तरह से पढ़ें। अगर एक्ट का अध्ययन करने के बाद भी कोई समस्या है तो सरकार चर्चा करने के लिए तैयार है। लेकिन नरमी की किंचित मात्र भी संभावना नहीं है। अगर कोई आगजनी कर रहा हो तो पुलिस एक्शन नहीं लेगी तो क्या करेगी?"
सफदरजंग और होली फैमिली अस्पतालों में क्रमशः दो और एक 'प्रदर्शनकारी' भर्ती किए गए थे। इनमें से होली फैमिली अस्पताल में घायल प्रदर्शनकारी की चोट गोली से नहीं थी, और उसे डिस्चार्ज भी कर दिया गया है। वहीं सफ़दरजंग अस्पताल में घायल प्रदर्शनकारियों के घावों के बारे में अलग-अलग मेडिकल और पुलिस जाँच चल रही है।
'पेंडुलम हिंदुत्व' या 'पेंडुलम-त्व' के शिकार उद्धव ठाकरे का पेंडुलम एक बार फिर डोल कर हिंदुत्व से कॉन्ग्रेस-छाप सेक्युलरता के सिरे पर पहुँच गया है। उद्धव ठाकरे ने जामिया में हिंसा के ख़िलाफ़ प्रदर्शन की तुलना जलियाँवाला बाग़ हत्याकांड से कर दी है।
कथित कॉमेडिन कुणाल कमरा के फैन का जब बंगाल में असली दंगाइयों से पाला पड़ा तो क्या हुआ, पढ़िए एक वकील की आपबीती। दंगाइयों के बीच फॅंसने से कुछ वक्त पहले ही वकील साहब ने पीएम मोदी का मजाक उड़ाते हुए कमरा का एक जोक शेयर किया था।
लोकसभा के बाद बुधवार (11 दिसंबर) को राज्यसभा में लंबी बहस के बाद नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पास हो गया है। इस विधेयक की वोटिंग में कुछ 230 वोट पड़े। जिसमें विधेयक के पक्ष में 125 और विरोध में 105 वोट पड़े थे।
IPS अब्दुर रहमान पर पुलिस भर्ती के दौरान फर्जीवाड़े का आरोप है। महाराष्ट्र सरकार ने जाँच के आदेश दिए थे। 2007 की पुलिस भर्ती परीक्षा में मराठी में लिखना अनिवार्य था, लेकिन अब्दुर रहमान ने 'विशेष समुदाय' के लोगों को उर्दू में लिखने की अनुमति दी थी। साथ ही महिला अभ्यार्थियों का कोटा होने के बावजूद भी उनकी भर्ती नहीं की थी।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार देश के संविधान पर भरोसा रखती है और मैं भरोसा दिलाता हूँ कि यह देश कभी मुस्लिम मुक्त नहीं होगा। वे कहते हैं कि इस बिल से मुस्लिमों का अधिकार छिन जाएगा, मगर मैं सबको भरोसा दिलाना चाहता हूँ कि इस बिल से किसी का भी अधिकार नहीं छिनेगा।
यह बिल किसी तरह से मुस्लिम भाइयों को नुकसान नहीं करता है। इससे किसी की नागरिकता खतरे में नहीं पड़ने वाली है। यह शरणार्थियों को नागरिकता देगी, मगर भारत के मुस्लिमों को इससे डरने की जरूरत नहीं है। इनकी नागरिकता को कोई असर नहीं पड़ने वाला है।
"लोग हिंदू-मुस्लिम कर रहे हैं? मुस्लिमों को बताइए यहाँ पर क्या दिक्कत है? उनको क्या परेशानी है? हमारे वहाँ पर हिंदू तकलीफ में हैं। उन पर अत्याचार होते हैं। तभी हम यहाँ आते हैं, कौन चाहता है अपना घर छोड़ना... कॉन्ग्रेस ने ही तो धर्म के नाम पर देश को बाँटा था। कॉन्ग्रेस सरकार में यह मुमकिन नहीं हो पाता।"