जब यादव सिंह चीफ इंजीनियर थे, तब कुल 116.39 करोड़ का टेंडर 5 प्राइवेट फर्म्स को जारी हआ था। CBI का आरोप है कि गुल इंजीनियरिंग के मालिक जावेद अहमद, यादव सिंह के पुराने और करीबी दोस्त हैं। इस कंपनी को नियमों का उल्लंघन करके टेंडर दिया गया था।
माधव से पूछताछ की जा रही है कि वो किसके कहने पर रुपए लेता था और उस रकम को कैसे और कहाँ आगे बढ़ाया जा रहा था। सीबीआई ने माधव के अनेक ठिकानों पर छापेमारी की है और अब तक वहाँ से नगदी समेत कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं।
सीबीआई की चार्जशीट में बताया गया है कि रिश्वत की बात पेड़, गमला, समान और प्रसाद जैसे कोड वर्ड के जरिए की गई। हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट का कोड वर्ड 'मंदिर' था। हवाला लेन-देन के लिए 'दस रुपए का नोट' कोड वर्ड का इस्तेमाल किया गया।
शर्त जो कोर्ट ने चिदंबरम के बेल के लिए रखी थी, वो है - (i) इस संबंध (केस) में प्रेस को ब्रीफ नहीं करेंगे। (ii) मामले से जुड़े गवाहों से संपर्क करने की कोशिश नहीं करेंगे। (iii) कोर्ट की इजाजत के बगैर विदेश नहीं जा सकते (iv) 2 लाख रुपए का निजी मुचलका भरना होगा।
अदालत ने कहा है कि बाहर निकलने के बाद चिदंबरम गवाहों से संपर्क करने की कोशिश नहीं करेंगे। कोर्ट की इजाजत के बगैर विदेश नहीं जाएँगे। इस मामले को लेकर मीडिया से बात करने पर भी पाबंदी लगाई गई है।
इस मामले में कॉन्ग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को समन भेजा गया था। उन्हें 4 नवंबर को आईटी विभाग के समक्ष पेश होने को कहा गया था। इन नेताओं ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई। ये पूरा का पूरा मामला हवाला लेन-देन से जुड़ा है।
हेमंत सोरेन ने नामांकन के दौरान दिए गए शपथ पत्र में अपनी कुल संपत्ति 8 करोड़ 11 लाख 14 हजार 388 रुपए बताई है। हेमंत ने 2014 के विधानसभा चुनाव में अपनी कुल संपत्ति 3 करोड़ 50 लाख 76 हजार 527 रुपए बताई थी। जबकि 2009 में इनकी कुल संपत्ति मात्र...
मुंबई और ठाणे के अलावा सेवानिवृत्ति पर भेजे गए अधिकारियों में विशाखापटनम, हैदराबाद, राजमुंदरी, झारखंड के हजारीबाग, महाराष्ट्र के नागपुर, गुजरात के राजकोट, राजस्थान के माधोपुर, बीकानेर, जोधपुर तथा मध्य प्रदेश के इंदौर, भोपाल के अधिकारी भी इस लिस्ट शामिल हैं।
CBI ने कई सपा नेताओं और IAS चंद्रकला समेत 78 लोगों को नोटिस भेजा। नेताओं में मुख्य रूप से सपा एमएलसी रमेश मिश्रा, पूर्व सांसद घनश्याम अनुरागी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष संजय दीक्षित का नाम शामिल है। इसके अलावा कई मौरंग माफियों को भी...
"रतुल पुरी न्यायिक हिरासत में होने के बावजूद अपनी गर्लफ्रेंड के जरिए सबूतों को नष्ट करने में लगे हैं और गवाहों को धमकी दे रहे हैं। पुरी के कई करीबी दोस्त और सहयोगी, जो उनके खिलाफ बयान दर्ज करने के लिए स्वेच्छा से एजेंसी के समक्ष पहले पेश हुए थे, उनको भी धमकी दी जा रही है।"