"गुजरात में 2002 में मुस्लिमों के हुए नरसंहार में दलित फुट सोल्जर थे। उन्होंने मुस्लिम महिलाओं का रेप कर और आदमियों की हत्या करने का घृणित काम किया था। मैं उन पर कभी यकीन नहीं करती।"
शोभा यात्रा के दौरान भद्राचलम नरसिंह स्वामी मंदिर के अर्चक (पुजारी) कृष्ण चैतन्य ने श्रद्धेय तिरुप्पनलवार के चित्रण के रूप में वैष्णव नमम को धारण करने वाले रवि को उठा लिया और उन्हें मंदिर तक ले गए।
राजस्थान के नागौर में दलित युवक के साथ हुई बर्बरता के बाद बाड़मेर जिले में भी एक युवक के साथ इसी तरह की बर्बरतापूर्ण हरकत होने की खबरें आ रहीं हैं, जिसमें मोबाइल फोन चोरी के आरोप में एक युवक के साथ मारपीट और उसके प्राइवेट पार्ट्स में सरिया डालने का आरोप है।
जयपुर से 230 km दूर है नागौर। यहाँ दो भाई बाइक सर्विसिंग के लिए पेट्रोल पंप के पास जाते हैं। वहाँ उन पर चोरी का इल्जाम लगाया जाता है। फिर उनके साथ मारपीट की जाती है - खौफनाक ढंग से। उनके प्राइवेट पार्ट्स में स्क्रू डाइवर डाला जाता है, पेट्रोल से...
मृतक की पत्नी हैंडपप से पानी लेकर बर्तन धो रही थी। कथित तौर पर रेंजर ने जातिसूचक गाली देनी शुरू कर दी। इसका विरोध करने पर एक महिला अधिकारी ने सरोज की बेटी को बाल पकड़ घसीटना शुरू कर दिया। यह देख बीच-बचाव के लिए सरोज का पति दौड़ा, जिसकी गोली मार हत्या कर दी गई।
जोगेंद्रनाथ मंडल के साथ जो कुछ हुआ वह बताता है कि 'जय भीम-जय मीम' दलितों के छले जाने का ही नारा है। मजहबी उन्मादी उनकी आड़ लेते हैं। कॉन्ग्रेसी और वामपंथी उनकी लाशों पर चढ़ 'मीम' का तुष्टिकरण करते हैं। #CAA के नाम पर जो हो रहा है वह इससे अलग नहीं।
इस मामले में पुलिस और कमलनाथ सरकार पर लापरवाही बरतने के आरोप लग रहे हैं। कहा जा रहा है कि आरोपितों के समुदाय विशेष से जुड़े होने के कारण मामले को दबाने की कोशिश की गई।
आरोपित कई दिनों से धनिराम को परेशान कर रहे थे। 14 जनवरी की रात उस पर केरोसिन उड़ेल आग लगा दी। आरोपितों के समुदाय विशेष से जुड़े होने के कारण शुरुआत में मामले को दबाने की कोशिश की गई।
अगर मुस्लिमों को एससी कैटेगरी में आरक्षण X% मिलता है तो इसका अर्थ ये है कि उतनी ही संख्या में दलितों का हिस्सा कट जाएगा। क्या शेहला चाहती हैं कि दलितों को अगर मुस्लिमों के साथ रहना है तो उन्हें अपने हिस्से के आरक्षण की कुर्बानी देनी होगी?
आंदोलन का स्टेज सज गया, वक्ता आ गए, लेकिन इससे आंदोलन सफल नहीं कहा जाता। वो न सिर्फ हिंसा भड़काना चाहते हैं, बल्कि अपने ही लोगों से पेट्रोल बम फिंकवाते हैं, और भीड़ को कहते हैं कि देखो ब्राह्मणों ने बम फेंका तुम पर, तुम्हें 5000 सालों से सता रहे हैं, देखते क्या हो, यलगार हो!