Friday, November 22, 2024

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भगवान तुंगनाथ के दर पर पहुँचे UAE क्राउन प्रिंस के प्रतिनिधि व अरबपति कारोबारी अली राशिद, किया हवन

तुंगनाथ मंदिर पंच-केदार मंदिरों में सबसे अधिक ऊँचाई पर स्थित शिव मंदिर है। यह कई हज़ार वर्ष पुराना है। इस मंदिर की स्थापना की कहानी पांडवों से जुड़ी है और रामायण में भी इसका जिक्र मिलता है।

असली दिक्कत ‘ध्वनि प्रदूषण’ नहीं, हिन्दू भक्त हैं: मंदिर ‘इकोसिस्टम’ ध्वस्त करने की साज़िश

'ज़िंदा कौमें पाँच साल इंतज़ार नहीं करतीं" अगर हिन्दू आत्मसात कर लें, अपना उद्धार खुद, और आज से ही, अपने जीते-जी करने की कमर कस लें तो बड़ी कृपा होगी।

आदियोगी की प्रतिमा के सामने ईसाई मिशनरी की बेहूदगी हिन्दुओं के धैर्य की परीक्षा ही है

कहाँ से आता है इतना दुस्साहस कि किसी के धार्मिक स्थल पर घुस कर उनके धर्म को नकली कहा जाए, उसका मजाक उड़ाया जाए? और कहीं से नहीं, हमारी तथाकथित ‘सेक्युलर’ व्यवस्था से ही...

बुद्ध पूर्णिमा: आसान नहीं होता है सिद्धार्थ का गौतम बुद्ध हो जाना

गौतम बुद्ध के साथ जो घटित हुआ, वो इस संसार के हर इंसान के साथ घट सकता है। बस इसके लिए हमें अपने जीवन में गहराई लानी होगी। आज बुद्ध पूर्णिमा पर बुद्ध के मानवता को दिए गए महत्वपूर्ण योगदान के न सिर्फ स्मरण बल्कि उसे आत्मसात कर खुद भी उसी जागरण की दिशा में अग्रसर करने की चेतना जागृत करने का दिन है।

हिंदुस्तान के उत्थान में रमता था बाबा साहब का मन, उनके नाम पर विघटन-घृणा का बीज बोना वामपंथियों की साजिश

"मैं हिंदुस्तान से प्रेम करता हूँ। मैं जियूँगा हिंदुस्तान के लिए और मरूँगा हिंदुस्तान के लिए, मेरे शरीर का प्रत्येक कण हिंदुस्तान के काम आए और मेरे जीवन का प्रत्येक क्षण हिंदुस्तान के काम आए, इसलिए मेरा जन्म हुआ है।”

भक्त का भगवान हो जाना ही रामनवमी का वास्तविक संदेश है, और विजय का मंत्र भी

अगर राम को ठीक से समझ जाएँ तो भी जीवन की गुणवत्ता में आमूल परिवर्तन संभव है। बस एक सार्थक और आनंददायक जीवन जीने की इतनी ही मर्यादा है जिसके पालन की जरुरत है।

नवरात्रि: स्त्री शक्ति की सृजनशीलता; सत्व, तमस, रजस गुणों पर नियंत्रण का उत्सव

अगर स्त्री शक्ति नष्ट हो गई, तो जीवन की सभी सुंदर, सौम्य, सहज और पोषणकारी प्रवृत्तियाँ लुप्त हो जाएँगी। जीवन की अग्नि हमेशा के लिए नष्ट हो जाएगी। यह बहुत बड़ा नुकसान है, जिसकी भरपाई करना आसान नहीं होगा।

#महाशिवरात्रि का रहस्य: मंदिर या शिवाला में नहीं बल्कि यहाँ और ऐसे मिलेंगे भोलेनाथ

महाशिवरात्रि आपको अपने बोध से परिचय कराने की रात्रि है। योग परम्परा के अनुसार बात की जाए तो ख़ुद को अस्तित्व से जोड़ लेने की रात। यह एक ऐसी रात है, जब प्रकृति स्वयं मनुष्य को उसके आध्यात्मिक शिखर तक जाने में मदद करती है।

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